- बालिकाओं ने बाल विवाह व दहेज प्रथा को खत्म करने को ठानी
सासाराम। सेंटर फॉर कैटलाईजिंग चेंज (C3) के द्वारा मंगलवार को बालिका दिवस के अवसर पर रोहतास जिला के सासाराम, तिलौथू, रोहतास एवम शिवसगर प्रखण्ड में साइकिल रैली, संगोष्ठी संवाद, पोस्टर प्रतियोगित एवम शिक्षा से जुड़ी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजित किया गया। बैठक की अध्यक्षता ग्राम पंचायत समरडीहा के मुखिया प्रेमचन्द कुमार एवम मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक अजय कुमार सिंह के द्रारा किया गया। रैली पंचायतों से होते हुए मध्य विद्यालय कोठरा पहुंची। यहां रैली सभा में तब्दील हो गई। उक्त कार्यक्रम का संचालन सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज के तत्वावधान में हुआ। कार्यक्रम में मौजूद किशोरियों को संबोधित करते हुए मुखिया ने बताया कि काफी संख्या में किशोरियों ने बाल विवाह एवं दहेज प्रथा को समाप्त करने की संकल्प ली। कम उम्र में शादी और दहेज लेनदेन को एक सामाजिक बुराई और कानूनी अपराध बताया।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए शिक्षिका सीमा कुमारी ने बाल विवाह से होने वाली परेशानियों के बारे में विस्तार से बताया। दहेज प्रथा को मिटाने के लिए कई तरह की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विद्यालय के प्रभारी अजय कुमार सिंह ने कहा कि बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं है। सरकार बालिकाओं को पढ़ने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला जा रही है। इसी दौरान विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में बालिकाओं के मध्य निबंध व पोस्टर पेंटिंग आदि प्रतियोगिताएं भी आयोजित करवाई गईं। सेंटर फॉर कैटलाईजिंग चेंज के जिला समन्वयक श्यामसुंदर राय ने बताया कि कोविड महामारी के बाद रोहतास जिला में बाल विवाह के मामले में वृद्धि हुई है।रोजगार छिन जाने की वजह से परिवार में हो रही आर्थिक तंगी और वंचित तबके से आने वाले बच्चों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और बाल संरक्षण तक उनकी पहुंच सीमित होने के कारण बाल विवाह और भी बढ़ गया है।