पटना : बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश कुमार की सरकार पर सहयोगी और विपक्षी दोनों निशाना साध रहे हैं। इस कड़ी में बीजेपी के पूर्व सांसद गोपाल नारायण सिंह ने नीतीश कुमार को शराबबंदी के मुद्दे पर निशाना साधते हुए घेरा है गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि बिहार में रेवेन्यू का सबसे बड़ा साधन शराबबंदी था जिसे नीतीश कुमार ने मद्य निषेध कानून का नाम देकर अपनी जिद के चलते वंचित किया है। पूर्व सांसद ने कहा कि नीतीश कुमार गंगा में खड़े होकर कसम खाएं कि उनकी शराबबंदी पूरी तरह से सफल है।
गोपाल नारायण ने कहा कि उनकी शराबबंदी नीति के चलते कितनी ही मौतें हुई और जहरीली शराब का कारोबार खड़ा हो गया है। पूर्व सांसद ने कहा कि बिहार में विकास के नाम पर सिर्फ धोखेबाजी की जा रही है कोई भी योजनाएं ठीक से धरातल तक नहीं पहुंच पा रही है। विकास के नाम पर झूठा आश्वासन दिया जा रहा है। आज उद्योग धंधे पूरी तरह से ठप्प पड़े हुए हैं और नीतीश कुमार अपने अहंकार के चलते शराबबंदी का ढिंढोरा पीट रहे हैं। पूर्व सांसद ने लगे हाथों शराबबंदी पर पुनर्विचार करने की मांग की। पूर्व सांसद ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा नीतीश जी नया बिहार बनाने को लेकर सत्ता में आए थे लेकिन सबसे ज्यादा दल बदलने का काम किये।
नीतीश कुमार ने सिर्फ कुर्सी के लिए काम किया है और कर रहे हैं। अपने कार्यकाल में नीतीश जी ने क्या किया जनता को उपलब्धि बतायें। पूर्व सांसद ने नीतीश कुमार की समाधान यात्रा पर भी निशाना साधा और कहा नीतीश जी किस चीज का समाधान चाहते हैं। अपनी असफलता को छिपाने के लिए वो समाधान यात्रा कर रहे हैं। नीतीश जी लालू के समय जंगलराज की बात कर सत्ता में आये थे और आज बिहार में फिर से जंगलराज है।