सासाराम। संत शिरोमणि भगत रविदास के जन्म उत्सव समारोह पर इस वर्ष भी सासाराम स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा चाचा फगुमल साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया में सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बड़े ही उत्साह उमंग के साथ मनाया। इस अवसर पर हजूरी रागी जत्था भाई विकास सिंघ, भाई पंकज सिंघ, बहन हरमीत कौर, बहन मनिंदर कौर, मनदीप कौर ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित भगत रविदास के अनमोल वाणी का कीर्तन किया।
समारोह पर अपने विचार रखते हुए सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जत्थेदार सरदार सरबजीत सिंघ खालसा ने कहा कि बड़े ही गर्व और सम्मान की बात है की श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में जहां जगतगुरु गुरु नानक साहिब जी की अनमोल वाणी अंकित है वही भगत रविदास जी की वाणी अंकित है। प्रत्येक नानक नाम लेवा के लिए जितना सम्मान गुरु नानक पातशाही के लिए है उतना ही सम्मान भगत रविदास के लिए भी है। दुनिया का अनमोल ग्रंथ जिसमें दुनिया भर के संत महापुरुषों सूफियों की वाणी दर्ज है। साध संगत जी अगर गुरु ग्रंथ साहिब में भगत रविदास की वाणी नहीं होती तो समाज में यह वाणी विलुप्त हो गई रहती। धर्म और जाति के भयंकर बवंडर ने छुआछूत ऊंच-नीच अमीरी गरीबी में ना जाने कितने महापुरुषों को खो दिया। आज हम सब इस बात के लिए गौरवान्वित होते हैं कि पांचवें नानक श्री गुरु अर्जन देव ने दुनिया को अनमोल ग्रंथ समर्पित किया था। जिसमें कहीं किसी से भी कोई भेदभाव नहीं है। भगत रविदास जी जिस जाति से आते हैं और उनकी अनमोल वाणी के साथ साथ इतिहास को जब हम पढ़ते हैं तो पाते है किआज भी वह दृश्य समाज में कायम है, जहां ऐसे भेदभाव करने वाले लोग भी रहते हैं लेकिन जहां-जहां दुनिया में गुरुद्वारा साहिब कायम है।
भाई रंजीत सिंघ ने जनम दिहाडा के साथ साथ सरबत के भले की अरदास की मौके पर प्रधान सरदार सुचीत सिघं मीत, प्रधान सरदार मंजीत सिंघ, जनरल सेक्रेटरी सरदार सुमेर सिंघ, सेक्रेटरी सरदार हरगोविंद सिंघ, कैशियर सरदार चरणजीत सिंघ, मीत कैसियर सरदार अभिषेक सिंघ, सरदार जामवंत सिंघ, सरदार धर्मेंद्र सिंघ, कुसुम कौर, गुरदीप सिंघ, गुरमुख सिंह, शिवम कुमार, सरदार सोनू सिंघ, सरदार हीरा सिंघ, रंजना कौर, रितिक, सुनीता कौर, अनीता कौर, ज्योति कौर ने कार्यक्रम में भरपूर सहयोग किया।