- नौकरी के लिए दिए रुपये नही लौटाने पर दिया दोहरे हत्याकांड को अंजाम
आरा (भोजपुर)। आरा में बीते 29 जनवरी को हुए चर्चित प्रोफेसर दंपति हत्याकांड का भोजपुर पुलिस ने खुलासा कर दिया है।नौकरी के नाम पर रुपये के लेनदेन में हुए विवाद के बाद प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह की हत्या की गई थी।हत्यारा प्रोफेसर के घर पर अक्सर आता जाता था और प्रोफेसर की पत्नी प्रो. पुष्पा सिंह भी उसे अच्छी तरह पहचानती थी।पहले प्रो. पुष्पा सिंह की हत्या की और जब प्रो.महेंद्र प्रसाद सिंह ने उसे हत्या करते देख लिया तो वे अभियुक्त से भीड़ गए जिसके बाद अभियुक्त ने उनकी भी हत्या कर दी। इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने के बाद अभियुक्त प्रोफेसर दंपति के घर मे रखे रुपये और गहने लेकर आराम से भाग निकला था। मृतक प्रोफेसर दंपति के घर पर एक निजी अस्पताल के लगे सीसीटीवी कैमरे और रास्ते मे लगे कई सीसीटीवी कैमरों ने हत्यारे की पहचान करने और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की राह आसान कर दिया।
करीब 500 स्थलों से जुड़े सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन,6000 से अधिक मोबाइल का तकनीकी विश्लेषण,मृतक के जीवन के हर पहलू एवं उनसे संबंधित लोगों से समन्वय स्थापित कर तथ्यगत टीम द्वारा फोटो का सत्यापन,जन सहयोग एवं मानवीय सूचना के आधार पर पुलिस ने हत्यारे को असम से गिरफ्तार कर लिया है।
असम के रहने वाले तपन डे उर्फ दीपक कुमार, पिता सुरेन मोहमडे को भोजपुर पुलिस ने असम से गिरफ्तार कर आरा लाया है।वह असम राज्य के धेनाजी जिला के जानाई थानान्तर्गत जोनाई गांव का रहने वाला है।
असम से गिरफ्तारी के बाद भोजपुर के एसपी प्रमोद कुमार यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त तपन डे उर्फ दीपक कुमार ने महज तीन लाख रुपयों के लिए प्रोफेसर दंपति की चाकू से गोद गोदकर निर्मम हत्या कर दी।
गिरफ्तार अभियुक्त ने पुलिस को पूछ ताछ के दौरान बताया कि प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह ने रोहतास के गढ़ नोखा स्थित कॉलेज में नौकरी दिलवाने के लिए उससे कुछ रुपये कुछ वर्षों पूर्व लिए थे।प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह ने न तो उसकी नौकरी लगवाई और न ही उसके रुपये लौटाए।
प्रोफेसर सिंह ने नौकरी न लगवा पाने की स्थिति में उसके पैसे लौटाने की बात कही थी और बताया था कि कुछ रुपयों का इंतजाम हो गया है और कुछ का इंतजाम होते ही वे अभियुक्त के सारे रुपये लौटा देंगे।
रुपये लौटाने के बजाय प्रो.सिंह उसे बार बार दौड़ाते रहे।
इस बीच अभियुक्त गत 29 जनवरी को प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह के घर पर सुबह 9:30 बजे पहुंचा और उनकी और उनकी पत्नी रिटायर्ड प्रोफेसर पुष्पा सिंह की चाकू से गोद गोद कर हत्या कर दी।हत्या करने के बाद वह घर के गेट में ताला बंद कर करीब 3:30 बजे अपराह्न आराम से बाहर निकला और आरा स्टेशन पहुंच गया।आरा स्टेशन पहुंचने के बाद ही वह जिले की सीमा से बाहर निकल गया।इधर आरा के लोगों और प्रोफेसर दंपति के परिजनों को हत्या की घटना की जानकारी अगले दिन 30 जनवरी को रात्रि करीब 9:00 बजे के आसपास हुई।हत्या की सूचना मिलते ही प्रोफेसर दंपति के कतीरा स्थित आवास पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
तब सीसीटीवी फुटेज में नीले रंग की टी शर्ट में दिखे एक संदिग्ध को ही हत्यारा मानकर पुलिस ने उसकी पहचान कर गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया।पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए आरा,दानापुर, औरंगाबाद और छपरा जिलों में छापेमारी की।अंत मे जब अभियुक्त की असम में होने की जानकारी मिली तो पुलिस असम पहुंच गई और हत्यारे की गिरफ्तारी सम्भव हो सकी।अभियुक्त ने प्रोफेसर दंपति की हत्या करने की बात स्वीकार कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक पत्नी की हत्या करने के बाद आरोपी ने पति की हत्या करनी चाही थी कि इस बीच उसकी प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह के साथ गुत्थम-गुत्थी भी हुई थी।पुलिस ने आरोपी के पास से हत्या में प्रयुक्त चाकू समेत प्रोफेसर दंपत्ति का मोबाइल फोन, प्रोफेसर पुष्पा सिंह से लूटा गया गहना, कैश सहित अन्य सामान बरामद कर लिया है। एसपी ने बताया कि अभियुक्त ने प्रोफेसर दंपति की हत्या के बाद उनके मोबाइल को आरा स्टेशन के पास एक झाड़ी में फेंक दिया था।