तिलौथू। रोहतास जिला अरवा राइस मिलर्स एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाध्यक्ष शशि रंजन सिंह के नेतृत्व में जनता दल यूनाइटेड संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा को ज्ञापन देकर बिहार में उसना मिलों के समकक्ष अरवा राइस मिलों को भी काम देने का आग्रह किया। जिलाध्यक्ष शशि रंजन सिंह ने बताया कि श्री कुशवाहा ने इस संबंध में प्रयास करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि ये राज्य की एक बहुत बड़ी समस्या है। इस समस्या के कारण इस वर्ष बिहार के किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य का वास्तविक लाभ नहीं मिल सका। मेरे द्वारा खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव को इस सम्बन्ध में लिखा जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि रोहतास जिले के राइस मिलर पटना आकर मिलें। शशि रंजन ने बताया कि गत वर्ष से राज्य सरकार ने राज्य के सभी अरवा राइस मिलों को धान की मिलिंग से वंचित कर सिर्फ उसना मिलों से मिलिंग कराने का निर्णय लिया है।
निगम के इस निर्णय से प्रदेश भर के 5500 मिल मालिक बेरोजगार हो गए हैं। और इसमें कार्यरत करीब 2 लाख मजदूर व तकनीकी कर्मी बेरोजगार हो कर बैठे हुए हैं। जबकि प्रदेश में सिर्फ 156 उसना राइस मिलें ही हैं और इनको जबरदस्ती पूरे बिहार का 4 करोड़ 55 लाख क्विंटल धान मिलिंग करने को दे दिया गया है। नतीजतन इन मिलों की उतनी क्षमता न होने के कारण उसना मिलें पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छतीसगढ़ से उसना चावल की मिलिंग करवा कर राज्य सरकार को दे रहे हैं। प्रदेश में करीब 5500 अरवा राइस मिलें हैं जो पिछले 15 वर्षों से राज्य सरकार का धान मिलिंग करते आ रहे हैं। अरवा राइस मिल ही एकमात्र ऐसा लघु उद्योग है जो पंचायतों, गांवों में अवस्थित है और औसत प्रति मिल करीब 50 स्थानीय लोगों को रोजगार दिए हुए है। इन मिलों को स्थापित करने में हमलोगों की निजी पूंजी या बैंक से कर्ज लेकर पूंजी लगाई गई है। उसना मिल बड़े बड़े पूंजीपति लोग ही बैठाते हैं क्योंकि एक मिल को बैठाने में करीब 5 करोड़ रुपये लगते हैं । प्रदेश में जिस काम में 5500 बेरोजगार लोग लगे हुए थे उसे छिन कर मात्र 150 लोगों के हाथों में दे दिया गया है। हमारी मांग है कि उसना व अरवा सभी मिलों को समान भाव से मिलिंग का काम दिया जाए। प्रतिनिधिमंडल में दिलीप सिंह, राजेश कुमार, अजय कुमार, अंगद सिंह, राजदेव सिंह व अन्य मौजूद थे।