करगहर। न एटीएम नंबर और न पिन नंबर। मगर साइबर अपराधी आपके खाते से गाढ़ी कमाई की रकम उड़ा सकते हैं। यह जानकार आप परेशान हो सकते हैं, लेकिन हकीकत है। ऐसा एक किसान के साथ हो चुका है, जिन्होंने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। साइबर शातिर अब ठगी करने के लिए ऐसा ही कुछ नया तरीका अपना रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि आखिरकार उन्हें गोपनीय जानकारी कहां से मिल रही है, इस बारे में कोई भी कुछ नहीं बता पा रहा है। पुलिसकर्मी भी यह जानकार परेशान हैं। बैंक से लेकर साइबर थाने की पुलिस भी लगातार लोगों को जागरूक कर रही है कि लोग अपना खाता नंबर, एटीएम कार्ड नंबर जैसी दूसरी जानकारी किसी को साझा न करें। इसके बावजूद ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। पुलिस का मानना है कि कई बार एटीएम से पैसा निकालते वक्त बूथ में शातिर युवक खड़े रहते हैं, जो कार्ड स्वाइप करते हुए देख लेते हैं। लेकिन पैसा निकालने के लिए कार्ड की आवश्यकता पड़ती है। फिर भी ऐसी दशा में अपराधी बैंक खाते से किस तकनीक के जरिए पैसा गायब करते हैं, यह पता लगाना आसान नहीं है।
बैक जैसे सुरक्षित स्थान से पैसे की निकासी से ग्राहकों की नींद उड़ी हुई है।यह मामला करगहर थाना के घोरडिहाँ गांव के एक किसान राजेश कुमार की है कि उनकी भारतीर स्टेट बैंक के खाता है जिसमें से अठारह फरवरी को दो बार बार चालीस चालीस हजार निकासी कर लेने के उनके मोबाइल पर मैसेज आया जिसके बाद किसान को होश उड़ गया क्योंकि कि वह पैसा निकासी के लिए नही गया तभी निवासी हो गया।इसके बाद किसान कस्टम केयर से बात किया और बैंक में जाकर मिनी स्टेटमेंट निकाला तो उसमें भी निकासी दिखा रहा है।वह इसकी सूचना साईबर क्राईम विभाग में भी दी और करगहर थाना में भी बैंक से अस्सी हजार निकासी कर लेने के लिए प्राथमिक दर्ज करायें है।