न्यू दिल्ली : यमुना एक्सप्रेस वे पर रविवार की रात एक बार फिर भयंकर हादसा हुआ। नोएडा से बिहार जा रही एक डबल डेकर स्लीपर बस मथुरा के सुरीर थाना क्षेत्र में अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि एक व्यक्ति की आगरा के अस्पताल में मौत हो गई। इस हादसे में दर्जन भर से अधिक लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। सूचना मिलने पर खुद डीएम पुलकित खरे और एसएसपी मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की। पुलिस हादसे के कारणों की जांच कर रही है।
डीएम पुलकित खरे ने बताया कि बस दिल्ली से चलकर बिहार जा रही थी। हादसे के वक्त पूरी स्पीड में थी। अचानक किसी कारणवस बस लहराते हुए डिवाइडर से टकराई और पलट गई। उन्होंने बताया कि इस हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हुई है। जबकि 12 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। सभी घायलों को मथुरा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से तीन लोगों की हालत नाजुक होने की वजह से आगरा के अस्पताल में रैफर किया गया है। उधर, बस यात्रियों ने बताया कि घायलों की संख्या 40 के आसपास है। इनमें ज्यादातर लोगों को मामूली चोटें आई हैं।
बस में सवार यात्रियों के मुताबिक जैसे ही बस दिल्ली से चलकर ग्रेटर नोएडा में एक्सप्रेस वे पर चढ़ी, ज्यादातर यात्री सो गए। हादसे के वक्त भी बस ड्राइवर के केबिन को छोड़ कर बाकी हिस्से में यात्री सो रहे थे। जैसे ही बस डिवाइडर से टकराई, यात्रियों को झटका लगा और नींद खुल गई। वहीं जब तक उन्हें माजरा समझ में आते, ऊपर सो रहे यात्री नीचे गिर पड़े।
पुलिस के मुताबिक इस हादसे की वजह ओवर स्पीड हो सकती है। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने बस की जांच कराई। इसके बाद पुलिस ने बताया कि बस तेज रफ्तार में आ रही थी। हो सकता है कि बस ड्राइवर ने अचानक सड़क पर कुछ देखा और उसे बचाने के लिए स्टेयरिंग घुमा दिया हो। पुलिस ने बताया कि बस अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई है। इसके चलते पलटने के बाद घिसटते हुए काफी दूर तक चली गई।
बस में सवार होकर दिल्ली से दरभंगा बिहार के रहने वाले रामकुमार की भी मौत हो गई। उनके परिजनों ने बताया कि बस हादसे में रामकुमार बुरी तरह से घायल हो गए थे। उन्हें मथुरा से एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा के लिए रेफर किया गया था, लेकिन यहां ठीक से इलाज नहीं मिलने की वजह से रामकुमार की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि वह अस्पताल में 15 मिनट तक रामकुमार को लेकर डॉक्टर का इंतजार करते रहे, लेकिन किसी डॉक्टर ने उन्हें देखने की भी जहमत नहीं उठाई।