पटना : बिहार विधानसभा में आज वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया जा रहा है। वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी बजट पेश कर रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य सरकार ने युवाओं और महिलाओं को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया है। युवाओं के लिए बंपर नौकरी का एलान किया गया है। महिलाओं के लिए भी सरकार ने कई अहम घोषणाएं की हैं।
बजट का आकार 2022-23 में 237651.19 करोड़ रुपये के विरुद्ध इस वर्ष 261885.4 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में वार्षिक स्कीम का कुल बजट अनुमान लगभग 1 लाख करोड़ रुपये हैं। स्थापना प्रतिबद्ध व्यय का बजट अनुमान भी लगभग एक लाख 61 हजार करोड़ रुपये है।
शहरी क्षेत्रों में विभिन्न स्तर के आयोजन के लिए बहु उद्देश्यीय नगर भवन के रुप में सभी नगर निकायों में सम्राट अशोक भवन का निर्माण कराए जाने की योजना है। बस स्टैंड बनाने की भी योजना है। व्यक्तिगत शौचालय से लेकर क्लस्टर शौचालय, शहरी गरीबों के बहुमंजिला मकान, सभी शहरों और महत्वपूर्ण नदी घाटों पर शव दाह गृह मोक्षधाम का निर्माण कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य में एथेनॉल नीति बन गई है। राज्य में 17 एथेनॉल इकाइयां निर्माणाधीन है। बरौनी में 550 सौ करोड़ रुपए के निवेश से पूर्वी भारत के सबसे बड़े एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की स्थापना की गई है। मुजफ्फरपुर और पूर्णिया में खादी मॉल की स्थापना की जा रही है।
गयाजी डैम की बजट में चर्चा न करें तो ये अधूरी रह जाएगी। गयाजी डैम की चर्चा करते हुए विजय चौधरी ने कहा कि इस डैम को अनोखा बनते हुए भारत सरकार ने पुरस्कृत किया है। रबर डैम की केंद्र सरकार ने भी तारीफ की। सोंस यानी गंगा डॉल्फिन के संरक्षण के लिए काम किया जा रहा है। बिहार में गंगा डॉल्फिन की संख्या 1,464 है, जो भारत के कुल गंगा डॉल्फिन की संख्या की आधी है। इसमें भी सरकार ने बेहतर काम किया।
गुणवत्तापूर्ण उत्पाद के रुप में पहचान बनाने वाली बिहार के कृषि धरोहरों, जैसे कतरनी चावल, जरदालू आम, शाही लीची, मगही पान, मिथिला मखाना को राज्य सरकार के प्रसास से जीआई टैग मिला। हर खेत तक सिंचाई का पानी एवं स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव को कृषि एवं ग्रामीण विकास के रुप में वर्ष 2023-24 के बजट में प्राथमिकता दी गई है। ग्राणीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने, किसानों को खुशहाल बनाने और ग्रामीण जीवन को सुविधाजनक और सुगम बनाने की दिशा में राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।
पुलिसकर्मियों की 75543 पदों की नियुक्ति की स्वीकृति दी गई है। 42000 शिक्षकों की नियुक्ति जा चुकी है। शेष पदों पर नियुक्ति की जा रही है। राज्य में प्राथमिक विद्यालय में प्रधान शिक्षकों के 40546 सृजित पदों की नियुक्तियां होनी हैं। यह प्रक्रिया में है। बजट में युवा और रोजगार को सबसे प्रथम रखा गया है। युवा शक्ति बिहार की शक्ति है। राज्य में 32 फीसद आबादी युवाओं की है। सरकार की 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की योजना है।
अल्पसंख्यक कल्याण योजना के तहत राज्य सरकार तलाकशुदा अल्पसंख्यक महिलाओं को सहायता राशि के तौर पर पहले 10 हजार रुपये देती थी, जिसे बढ़ाकर अब 25 हजार रुपये कर दिया गया है।
नारी शक्ति योजना के अंतर्गत संघ लोक सेवा आयोग और बिहार लोक सेवा आयोग के प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाली महिला अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार की तैयारी के लिए क्रमशः एक लाख और पचास हचार की राशि दी जाएगी।
जीविका योजना की मदद से महिलाओं में आत्मबल और आत्मसम्मान का संचार हुआ है। सामाजिक स्तर पर महिलाओं की स्थिति सशक्त हो चुकी है। जीविका के अंतर्गत अबतक कुल 10.45 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। एक करोड़ 30 लाख परिवारों की महिलाओं को इन समूहों से जोड़ा गया है। 62 अस्पतालों में दीदी की रसोई, अनुसूचित जाति/ जनजाति, आवासीय विद्यालयों एवं अन्य संस्थानों में 14 दीदी की रसोई का संचालन जीविका दीदियों द्वारा किया जा रहा है।
बिहार में महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक विकास के लिए मुख्यमंत्री का जीविका अभियान पूरे देश में नजीर बन चुका है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा के परिसर में आकर इन सब योजनाओं की तारीफ कर गए हैं।