औरंगाबाद : बिहार साउथ पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन के अधिकारियों के द्वारा बरती लापरवाहियां जग जाहिर है और अब उनके कार्यशैली को लेकर सवाल भी उठने खड़े हो गए है।उनकी लापरवाह गतिविधियों से आम लोग परेशान हैं।ऐसा ही एक मामला मदनपुर प्रखंड के पिरवां पंचायत के टेका बिगहा से सामने आया है।जहां विभाग के अधिकारियों द्वारा बिजली चोरी को लेकर छापेमारी की गई।लेकिन प्राथमिकी उस व्यक्ति के नाम से कर दिया गया। जिसके यहां बिजली की रौशनी तो दूर बल्कि बिजली से संबंधित कोई कार्य नहीं किए जाते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग के अधिकारियों ने 21 फरवरी को टेका बिगहा गांव में बिजली चोरी और बिजली बकाए को लेकर गांव के शिवनाथ मिस्त्री के यहां छापेमारी की और वहां बिजली चोरी से संबंधित मामले भी पाए गए।
लेकिन विभाग के अधिकारियों ने वहां शिवनाथ मिस्त्री के घर छापेमारी की लेकिन उनके द्वारा विश्वनाथ मिस्त्री के ऊपर सलैया थाना में 23699 रुपया जुर्माना लगाते हुए प्राथमिकी भी दर्ज करा दी गई।
यह प्राथमिकी मदनपुर विद्युत आपूर्ति प्रशाखा के कनीय विद्युत अभियंता राकेश कुमार राम के द्वारा दर्ज कराई गई।दर्ज प्राथमिकी में विभाग के सहायक अभियंता सहित दो विद्युतकर्मी को गवाह भी बनाया गया है।
विद्युत विभाग के द्वारा दर्ज प्राथमिकी के बाद विश्वनाथ मिस्त्री परेशान है और उसके घर लगातार पुलिस दस्तक दे रही है जिसके कारण वह भागा भागा फिर रहा है।प्राथमिकी होने के बाद विश्वनाथ अपने बचाव के लिए अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाई मगर उसे राहत मिलती नजर नहीं आ रही।अब उसने जुर्माना की राशि जमाकर बेल लेने के लिए गया जाने की सोच रहा है और झूठा मुकदमा दर्ज करने वाले विभाग के अधिकारियों पर न्यायालय का शरण लेने का मन बना लिया है।विश्वनाथ ने बताया कि वह विद्युत से संबंधित कोई काम नहीं करता लेकिन उसके बावजूद उसे गुनहगार बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई जिससे वह मानसिक एवं आर्थिक परेशानियों के दौर से गुजर रहा है।
इधर इस संबंध में विभाग के कनीय विद्युत अभियंता राकेश कुमार राम से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि गलती हुई है और उसे सुधार कर लिया जाएगा।प्राथमिकी विश्वनाथ मिस्त्री की जगह शिवनाथ मिस्त्री पर ही होगी।प्राथमिकी में नाम संशोधित कर लिया जाएगा।विश्वनाथ को किसी भी प्रकार बेल लेने और जुर्माना की राशि जमा न करने की जरूरत है।
विभाग के द्वारा किए गए इस कार्य की चर्चा जोरों पर है और लोग विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।