- जिलास्तरीय बैठक कर उन्मूलन अभियान को सफल बनाने पर हुई चर्चा
सासाराम। दिसम्बर 2023 तक देश से खसरा रूबेला उन्मूलन को लेकर सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा। जिसमें लोगों को जागरूक करने के साथ साथ बच्चों को एमआर का टीकाकरण कर सम्पूर्ण प्रतिरक्षित किया जा रहा है। उन्मूलन अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से सासाराम सदर अस्पताल स्थित ओपीडी के सभा कक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति एवं जीविका के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जिला स्तरीय स्वास्थ्य अधिकारियों में एसीएमओ डॉ आरके पी साहू, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार, डीपीएम अजय कुमार, यूनिसेफ के एसएमसी असजद इकबाल सागर, डब्ल्यू एक ओ एसएमओ आफाक आमिर अहमद के साथ साथ सभी प्रखण्ड के बीएचएम एवं जीविका के डीपीएम मौजूद रहे। स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ साथ जीविका से सम्बंधित अधिकारियों को संबोधित करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने कहा कि खसरा रूबेला भी जानलेवा बीमारी है। इसलिए इस बीमारी से शिशुओं को बचाने के लिए बच्चों को एम आर का टीका लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि दिसम्बर 2023 तक देश से खसरा रुबेल बीमारी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए रोहतास जिला स्वास्थ्य समिति अग्रसर है।
12 जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए सम्पूर्ण सुरक्षा के लिए टीकाकरण जरूरी
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ आरकेपी साहू ने बताया कि 0-16 वर्ष के बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए कई टीके लगाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि बच्चे के जन्म के दौरान बीसीजी, ओरल पोलियो, हेपेटाइटिस बी का टीका दिया जाता है। डेढ़ महीने पर पेंटावैलेंट,पोलियो खुराक, एफआईपीपी, पीसीवी, रोटावायरस का टीका दिया जाता है।ढाई महीने पर पेंटावैलेंट, पोलियो खुराक, रोटावायरस, साढ़े तीन महीने पर पेंटावैलेंट, पोलियो खुराक, एफआईवीपी, पीसीवी, रोटावायरस, 9-12 महीने एफएपीवी, खसरा रूबेला(प्रथम टीका),जापानी इंसेफेलाइटिस पीसीवी बूस्टर, विटामिन ए, तथा 16-24 महीने पर डीपीटी बूस्टर, पोलियो बूस्टर, खसरा रूबेला (दूसरा टीका), जापानी इंसेफेलाइटिस, विटामिन ‘ए’ का टीका लगाया जाता है। वहीं 5-6 वर्ष पर डीपीटी बूस्टर 2, एवं 10-16 वर्ष पर टीडी का टीका लगाया जाता है। गर्भवती महिलाओं को टीडी 1 एवं 2 तथा टीडी बूस्टर दिया जाता है।
दो साल के अंदर खसरा रूबेला का दोनों डोज जरूरी
मौके पर मौजूद डब्ल्यू एच ओ के एसएमओ आफाक आमिर अहमद ने खसरा के लक्षण की जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों को बुखार के साथ साथ चेहरा या शरीर पर लाल महीन दाने आना खसरा का लक्षण है। खसरा रूबेला जैसी खतरनाक बीमारी से बचाने के लिए 9-12 माह के भीतर पहली खुराक एवं 16-24 माह के भीतर दूसरा टीका लगा कर बच्चे को सम्पूर्ण सुरक्षित किया जाता है।