नासरीगंज/रोहतास : प्रखंड के धनावं गांव में रास्ते के विवाद को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। मामला इस कदर संगीन है कि किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है। निहित स्वार्थ में कुछ लोगों के द्वारा राजनीतिक रोटी सेंकने के चलते ग्रामीणों का आक्रोश सांप्रदायिक तनाव का कारण भी बन सकता है। लेकिन प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है। लोगों ने दो महीने पहले ही जिला प्रशासन से लेकर अनुमंडल प्रशासन तक को लिखित आवेदन देकर मामले से अवगत कराया है। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इसी क्रम में वार्ड संख्या दस के सैंकड़ों ग्रामीणों ने एक बार फिर जमकर हंगामा किया और पंचायत की मुखिया अफसाना खातून से हस्तक्षेप कर विवाद का निपटारा करके कच्चे रास्ते के पक्कीकरण की मांग की। लेकिन मुखिया ने अधिकार क्षेत्र से बाहर का विवाद बता अपने हाथ खड़े कर लिये। गौरतलब है कि विवादित स्थल वार्ड दस के निवासियों के आवागमन का एकमात्र रास्ता है। जो उक्त वार्ड के पूरब दिशा में स्थित इमामबाड़े की ओर निकलता है। स्थानीय निवासी रंजन साह, मो. जियाउल, वलीदुद्दीन अंसारी, जलालुद्दीन अंसारी, महेंद्र चौधरी, कामता चौधरी, धनू चौधरी, शहाबुल अंसारी, बशीरुद्दीन अंसारी, राजेंद्र सिंह, हरेंद्र सिंह, मो. खालिक, कमरुद्दीन खां, शमशुद्दीन खां, मोबीन खां, महेश चौधरी, दिनेश चौधरी और महबूब अंसारी समेत पचासों लोगों ने बताया कि लगभग छह महीने पहले मुखिया के द्वारा उक्त रास्ते को फेवर ब्लाॅक से बनवाया गया। लेकिन कुछ लोगों ने उक्त स्थल को निजी बताकर प्रशासन से शिकायत की। लोगों का आरोप है कि स्थानीय अधिकारियों ने भौगोलिक स्थिति का जायजा लिए बगैर ही रास्ते से फेवर ब्लाॅक हटाने का निर्देश जारी कर दिया। जिसके बाद फेवर ब्लाॅक हटा दिया गया। लोगों ने बताया कि वार्ड दस के लगभग डेढ़ सौ घरों के शादी-विवाह की बारात व मुहर्रम के जुलूस से लेकर जनाजे और शव यात्रा के लिए मात्र यही एक रास्ता है। जिस पर कब्जा करने की साजिश की जा रही है। वहीं लगभग 90 वर्षीय भगल चौधरी, गुल मोहम्मद और मोईन खां ने बताया कि विगत सैंकड़ों साल से खाता नं. 398 खेसरा नं. 2306, 2935 और 2307 का इस्तेमाल आम रास्ते के रूप में होते आया है और विवाद खड़ा करने वाले के पूर्वजों ने कभी इस स्थल पर अपना दावा नहीं किया था। पेशे से राज मिस्त्री रहे गुल मोहम्मद ने बताया कि वर्षों पहले उक्त रास्ते से सटे घर की दीवार उन्होंने ने ही बनाई थी और तब गृह स्वामी ने रास्ते की जमीन पर कोई दावा नहीं किया था। ग्रामीणों ने आवागमन के लिए रास्ते को अपना मौलिक अधिकार बताते हुए प्रशासन से मांग की है कि रास्ते के विवाद का तत्काल शांतिपूर्ण निदान कराया जाए। इधर सीओ अमित कुमार ने बताया कि वार्ड की भौगोलिक स्थिति के साथ ही विवादित स्थल की जांच की जा चुकी है और जांच प्रतिवेदन तैयार कर जल्द ही आला अधिकारियों को प्रेषित कर दिया जाएगा। सीओ ने आश्वासन दिया कि हर हालत में आवागमन के लिए ग्रामीणों को रास्ता मुहैया कराया जाएगा।
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