सासाराम । देश की प्रसिद्ध महिला पहलवान बबीता फोगाट आज रोहतास जिला पहुंची। जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंची, जहां नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के त्रिविक्रम नारायण सिंह ने बबीता फोगाट का स्वागत किया। गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय परिसर स्थित ऑडिटोरियम में छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए महिला पहलवान बबीता फोगाट में कहा कि यदि मैं भी पापा की परी होती तो आज इस मुकाम पर नहीं पहुंचती, इसलिए आप लोग पापा की परी बनना छोड़िए पापा की शेरनी बनिए। बबीता फोगाट में वहां मौजूद लोगों को अपने जीवन के कुछ ऐसे परिस्थितियों को प्रस्तुत किया जिसमें कड़ी संघर्ष और समाजिक बहिष्कृत होने के बावजूद भी आज विश्व में भारत का झंडा लहरा रही है। उन्होंने कहा कि उनके गांव या मोहल्ले के लोग हमेशा उनके पापा को ताना देते थे कि बेटियों को पहलवानी सिखा रहा है, परंतु पापा ने यह ठान रखा था की बेटियां ही देश का नाम रोशन करेंगे और हम लोगों ने उसे कर दिखाया। उन्होंने कहा कि बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है, जरूरत है तो माता-पिता को बेटियों के भीतर छुपी हुई योग्यता को पहचानना। उन्होंने कहा कि मेहनत सिर्फ लड़के ही नहीं कर सकते हैं बल्कि लड़कियां भी कर सकती हैं।
बबीता फोगाट ने कहा कि जिम और एक्सरसाइज करने से सिर्फ लड़कों की सिक्स पैक एप्स नहीं बनती, यदि लड़कियां भी जिम जाएं और मेहनत करें तो वो भी सिक्स पैक एब्स बना सकती हैं। इसलिए मेहनत से कभी पीछे मत भागिए। साथ ही उन्होंने कहा कि हम जिस देश में रहते हैं वह संस्कृति और सभ्यता के लिए भी जाना जाता है। इसलिए हमें अपनी संस्कृति और सभ्यता को नहीं भूलना चाहिए। हमें अपने देश की संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। बबीता फोगाट ने कहा कि आप जिस क्षेत्र में काम कर रहे हैं उस क्षेत्र में अन्य लोगों को भी लाने का भरपूर प्रयास करें, क्योंकि ऐसा करने से हम तो आत्मनिर्भर बनेंगे ही साथ ही साथ समाज के अन्य लोगों को भी आत्मनिर्भर बना सकेंगे ऐसे में हमारा देश आत्मनिर्भर बनेगा। बबीता फोगाट ने यह भी कहा कि आज नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हमारा देश जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है वह वाकई में काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि आज विश्व के किसी भी देश में जाने पर हमें गर्व महसूस होता है, क्योंकि वहां के लोग एक उम्मीद भरी नजरों से हमें देखते हैं।
लक्ष्य का करे निर्धारण
अपने संबोधन के बाद वहां मौजूद छात्र छात्राओं के सवालों का जवाब देते हुए बबीता फोगाट ने कहा कि यदि भविष्य में आगे बढ़ना है तो अपना लक्ष्य जरूर निर्धारित करें। जब तक लक्ष्य निर्धारित नहीं रहेगा तब तक हम सफलता हासिल नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी लक्ष्य आपने निर्धारित किया है उसी लक्ष्य पर अडिग रहें। यदि लक्ष्य की ओर बढ़ने में कोई समस्या आ रही हो तो वैसी किताबें या कहानियां जरूर पढ़ें जिससे आपको नई उत्साह और प्रेरणा मिलती हो। उन्होंने कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति में कई बार उतार-चढ़ाव आता है ऐसे में हमें लक्ष्य भटकना नहीं चाहिए।