- हीट वेव हो सकता है घातक, बरतें सावधानियां
सासाराम। सूबे के कई जिलों में इन दिनों भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। कई जिलों में तापमान 40 के पार पहुँच चुका है। गर्म हवा और लू से लोगों का हाल बेहाल है। सुबह 10 बजते ही लू का प्रकोप शुरू हो जा रहा। ऐसे में जन जीवन काफी प्रभावित हो रहा है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही लोगों के लिए घातक साबित हो सकती है। भीषण लू और गर्म हवा से बड़े ही नही छीटे बच्चे भी प्रभावित हैं। लू लगना, हीट स्ट्रोक ऐसी स्थिति है जिसका इलाज तुरंत न कराया जाए तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। ऐसे में जिला स्वास्थ्य समिती लोगों को लू, हीट स्ट्रोक से बचने के लिए लगातार सावधानियां बरतने की अपील कर रही है। लू, हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए तेज़ धूप, गर्म हवा से बचने की सलाह दी जा रही है। इसके अलावा शरीर मे पानी की कमी न हो इसके लिए भरपूर मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जा रही है। डिहाइड्रेशन से लू लगने, हीट स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में इस मौसम में तरल पदार्थ का सेवन, शीतल पेय पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जा रही है।
सावधानियां बरत हीट वेव से करें बचाव
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने कहा कि भीषण गर्मी और तेज़ धूप में ज्यादा देर तक घर से बाहर रहने पर लू लगने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। यदि लू, हीट स्ट्रोक का इलाज समय से न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ सावधानियां बरसते हुए घर से बाहर निकले तो लू, हीट स्ट्रोक से काफी हद तक बचा जा सकता है|तेज धूप और लू में खुद को हाइड्रेटेड रखे, शरीर मे पानी की कमी ना होने दे, जरूरत हो तभी घर से बाहर जाएं। इस दौरान शरीर को अच्छे से कवर करें। इसके लिए छाता, फूल बाजू की शर्ट, सिर पर गमछा जरूर रखे। टाइट कपड़ा न पहनें, बेहतर हो ढीले ढाले सूती के कपड़े पहने। साथ ही उन्होंने यह भी सलाह दिया कि ज्यादा मसालेदार वाली वस्तुएँ ना खाएं। खासकर बाहर ठेले का फ़ास्ट फ़ूड का इस्तेमाल न करें। जहाँ तक हो सके घर के बने ताजा भोजन ही खाएं। एसी या कूलर में ज्यादा देर से बैठे हों तो अचानक उठ कर बाहर धूप में न जाए ऐसे में लू, हीट स्ट्रोक का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है और यह जानलेवा भी हो सकता है।
हीट वेव में बच्चों का रखे विशेष ख्याल
एसीएमओ सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक कुमार ने कहा कि हीट वेव बच्चों को ज्यादा प्रभावित करता है। स्कूल, कोचिंग और खेल कूद करते समय हीट स्ट्रोक से प्रभावित होने का खतरा ज्यादा बना रहता है। उन्होंने बताया कि हीट वेव के कारण छोटे बच्चों में हीट स्ट्रोक, हीट स्ट्रेस, एलर्जी, डायरिया सहित अन्य समस्या आ सकती है। ऐसे में बच्चो को धूप, से बचाना जरूरी है। बच्चों को हाइड्रेटेड रखे, समय समय पर पानी देते रहें। हल्का सूती का ढीला कपड़ा पहनाएं।
सरकारी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था
सिविल सर्जन डॉ के एन तिवारी ने बताया कि हीट वेव को देखते हुए जिला स्वास्थ्य समिति लगातार सावधानी बरतें हुए है। सभी सरकारी अस्पताल को पहले ही अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए है। सिविल सर्जन ने बताया कि हीट वेव से निपटने के लिए जिला सदर अस्पताल में इमेरजेंसी वार्ड भी बनाया गया है। साथ ही हीट स्ट्रोक के दौरान मरीज को दी जाने वाली आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं की भी उपलब्धता रखी गई है। सिविल सर्जन से लोगों से अपील किया कि आवश्यकता पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें।