सासाराम। सासाराम सदर अस्पताल के ओपीडी स्थित एड्स नियंत्रण कार्यालय में मंगलवार को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर सिविल सर्जन की अध्यक्षता में शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में जिले को डेंगू मुक्त करने के लिए वहां मौजूद स्वास्थ्य अधिकारियों एवं कर्मियों ने शपथ लिया। इस अवसर पर अपने जिले से डेंगू को समाप्त करने में अपना सहयोग देंगे, साथ ही साथ अपने घर के आस-पास जल जमाव नहीं होने देंगे तथा मच्छरों को पनपने से रोकेंगे। जब भी सोएंगे मच्छरदानी के अंदर ही सोएंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। बुखार होने पर सरकारी अस्पताल में ही जाएंगे तथा चिकित्सक के परामर्श के अनुसार उपचार कराएंगे का शपथ लिया गया। शपथ ग्रहण के बाद ओपीडी विभाग के अंदर एवं बाहर मौजूद लोगों के बीच डेंगू बीमारी को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया। लोगों को डेंगू बीमारी के बचाव एवं लक्षण के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर सिविल सर्जन के अलावा अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ श्री भगवान सिंह, मलेरिया विभाग के प्रकाश कुमार, शुर्यकांत कुमार, गौतम राज, फाइलेरिया विभाग के सुजीत कुमार, अभिनंदन कुमार, सुदामा भारती, गोपाल सिंह, मदन कुमार, एड्स विभाग से धर्मदेव सिंह, प्रिया कुमारी, एसटीडी परामर्शदाता राजेन्द्र प्रसाद के अलावा अन्य लोग मौजूद थें।
सावधानी ही डेंगू बीमारी से बचाव
मौके पर मौजूद रोहतास सिविल सर्जन डॉ के एन तिवारी ने बताया कि सावधानी ही डेंगू बीमारी से बचाव है। डेंगू चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दिन में काटता है और यह स्थिर और साफ पानी में पनपता है। उन्होंने बताया कि तेज बुखार, बदन/ सिर एवं जोड़ में दर्द तथा आंखों के पीछे दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान/ नाक/ मसूड़ों से या उल्टी के साथ रक्त स्राव होना डेंगू के मुख्य लक्षण है। ऐसी स्थिति में पीड़ित मरीज तुरंत सरकारी अस्पताल/ मेडिकल कॉलेज में जाकर अपना इलाज करवाएं। सिविल सर्जन ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में डेंगू बीमारी के निशुल्क इलाज एवं जांच मौजूद है। वर्तमान में जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में डेंगू जांच के किट मौजूद है। फिलहाल अभी डेंगू के मरीज नहीं मिल रहे हैं। परंतु बरसातों में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है ऐसे में अभी से ही सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
ड़ेंगू और चिकनगुनिया के मच्छरों को पनपने से रोकें
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अशोक कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया एडिस मच्छर के काटने से होता है। डेंगू बीमारी में बुखार हड्डी तक पहुंच जाता हैं और चिकनगुनिया में भी बुखार होते हैं और सभी जोड़ों में दर्द होने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि डेंगू के मच्छरों को पनपने से रोका जाए। एसीएमओ ने बताया कि डेंगू के लक्षण से बचने के लिए दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। पूरे शरीर को ढकने वाला कपड़ा पहने। घर के सभी कमरों को साफ सुथरा और हवादार बनाएं। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रिज कि पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी एवं घर के अंदर एवं अगल-बगल पानी न जमा होने दें। गमला, फूलदान में पानी हर दूसरे दिन बदले। साथ ही उन्होंने सलाह दिया कि तेज बुखार होने पर एस्प्रिन अथवा बुफ़्रेन जैसे दवा का इस्तेमाल ना करें। ज्यादा आवश्यकता हो तो पारासिटामोल की गोली ले सकते हैं और बुखार नहीं उतरने पर तुरंत सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की सलाह लें।