सासाराम। बाल श्रम को रोकने के साथ साथ बाल श्रम कानून को सख्ती से लागू कराने के लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ निजी एनजीओ के माध्यम से भी लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी के तहत शुक्रवार को सासाराम समाहरणालय से चाइल्ड लाइन संस्था के द्वारा एक जागरूकता रथ निकाली गई। जागरूकता रथ को रोहतास जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि एक इंसान के लिए उसका बचपन काफी महत्वपूर्ण स्टेज होता है। और बचपन के हक को मारना कानूनन अपराध है। इसीलिए सरकार ने बालश्रम कानून बनाई है, जिसके तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी करवाना अपराध है। ऐसे अपराधों को रोकने के लिए जिला स्तर पर लगातार अभियान चलाया जाता है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति यदि किसी बच्चों से मजदूरी करवाता हुआ पाया जाता है तो उन्हें दंडित किया जाएगा। मौके पर मौजूद जिला श्रम अधीक्षक चंदन कुमार ने कहा कि बाल श्रम को रोकने के लिए श्रम विभाग द्वारा भी लगातार कई कदम उठाए जाते हैं। विभाग द्वारा लगातार छापेमारी अभियान भी चलाया जाता है इस दौरान दुकानो, कंपनियों एवं घरों में काम करने वाले 18 वर्ष से कम बच्चों को मुक्त कराया जाता है और उन बच्चों से काम लेने वाले दुकानदारो एवं मालिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों जिले से पांच बाल मजदूरों को मुक्त करवाया गया है।
वही बाल संरक्षण पदाधिकारी मेराजुद्दीन सदानी ने कहाकि बाल मजदूरी को खत्म करने में सभी का सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी करवाना अपराध है और इसे रोकने के लिए हर समय कारगर कदम उठाए जाते हैं। वही जागरूकता रथ निकालने वाले चाइल्डलाइन के निदेशक डॉ ठाकुर रविंद्र नाथ ने बताया कि उनके संस्था द्वारा बाल मजदूरी को रोकने के लिए समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साथ ही साथ लावारिस नवजात बच्चों की सूचना मिलने पर उन्हें गोद लेकर उचित स्थान पर उन्हें भेजा जाता है। उन्होंने बताया कि यह जागरूकता रथ आगामी 12 जून तक सासाराम के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों को बाल मजदूरी को रोकने के लिए जागरूक करेगी। मौके पर चाइल्ड लाइन कोलैब की टीम और सुराज के अरूण कुमार तिवारी, अजय कुमार सिंह, सरोज देवी, प्रभा देवी, मुन्नी देवी, मीरा कुँवर, सहित अन्य लोग मौजूद थे।