शिवसागर। अपने पति की दीर्घायु होने की कामना करते हुए सुहागिनों ने शुक्रवार को वट वृक्ष की पूजा अर्चना की। इस त्योहार के बारे में बताया जाता कि महिलाएं त्योहार के एक दिन पहले दिन में उपवास रखकर रात में अरवा भोजन बनाकर खाती हैं, फिर सावित्री पूजा के दिन वट वृक्ष की पूजा कर अपने अमर सुहाग के लिए के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। शुक्रवार को सुबह होते ही नए परिधान में सुहागिनें हाथों में पूजा का प्रसाद लिए अपने आसपास स्थित वट वृक्ष की छांव मं पूजा करने के बाद फेरी लगाई। हाथों में अक्षत और कच्चा धागा लेकर पवित्र वृक्ष की परिक्रमा की। पेड़ के पत्तों को अपने बालों में लगाकर सावित्री सत्यवान की कथा सुनी तथा आरती के बाद पूजन विधि का समापन हुआ। प्रखंड मुख्यालय स्थित शिव मंदिर परिसर में बटेश्वर तिवारी ने पूजा करवाने के बाद सुहागिनों को आशीर्वाद दिया। उन्होंने बताया कि वट वृक्ष की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सबसे अधिक भीड़ शिव मंदिर परिसर में उमड़ी। इसके अलावा बम्हौर महावीर मंदिर,कोनार, रायपुर चोर चौक, आलमपुर मंदिर , बुढ़वा महादेव, समेत कई स्थलों पर जहां वट वृक्ष का पेड़ है, वहां पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा विधान संपन्न हुआ। कई व्रतियों ने सामूहिक रूप से एकत्र होकर अपने घरों में ही पूजा की। रामनारायण दुबे ने बताया कि वट वृक्ष की पूजा के पीछे अध्यात्म के अलावा विज्ञान के भी तत्व निहित है। पर्यावरण संतुलन में इस वृक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका है।पूजा-अर्चना के बाद व्रती महिलाओं द्वारा अपने पति के चरण धोकर अपने सर पर पानी लेती है उसके बाद पति को पंखा झेलती है। अपने हाथों से पति को प्रसाद ग्रहण करवाने के बाद खुद प्रसाद ग्रहण कर पूजा को समाप्त करती है।
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