- मेयर सहित वार्ड पार्षदों ने नगर आयुक्त पर लगाया मनमानी का आरोप, आम बैठक का बहिष्कार कर बैठे धरने पर
सासाराम। नगर निगम सासाराम के मेयर, वार्ड पार्षद तथा नगर आयुक्त के बीच चली आ रही अंदरूनी तकरार ने शनिवार को विरोध का रूप ले लिया और मेयर, उप मेयर के नेतृत्व में वार्ड पार्षदों ने नगर आयुक्त को उनके कार्यालय में बंद करके बाहर से तालाबंदी कर दिया। नगर निगम में विरोध प्रदर्शन का हाई वोलेज ड्रामा 2 घण्टो तक चला। हाई वोल्टेज ड्रामा के बीच नगर आयुक्त को वहां से किसी तरह भागना पड़ा। बता दें कि सासाराम नगर निगम की सफाई व्यवस्था एवं नाली उड़ाही के साथ-साथ कई विकास के कई कार्यों को लेकर नगर निगम के मेयर सहित कई वार्ड पार्षद नगर आयुक्त के खिलाफ गोलबंदी हो रहे थे।
इसीबीच शनिवार को शहर में साफ सफाई को लेकर आम बैठक का आयोजन किया गया था। उक्त बैठक में नगर आयुक्त वीडियोग्राफी करना चाहते थे परंतु मेयर एवं उप मेयर सहित वार्ड पार्षद ने इसका विरोध किया और बैठक स्थगित करने की मांग करते हुए कार्यालय से बाहर आकर नगर आयुक्त की मनमानी के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी। तब नगर आयुक्त अपने कार्यालय में आकर बैठ गए। नगर निगम की बदहाली को लेकर मेयर, उप मेयर के साथ-साथ वार्ड पार्षद नगर आयुक्त से मुलाकात करने उनके कार्यालय में पहुँचे वहां भी काफी हंगामा हुआ। मेयर के नेतृत्व में सभी वार्ड पार्षदों ने नगर आयुक्त को उनके कार्यालय में तालाबंद कर दिया।
कार्यालय में अंदर बंद नगर आयुक्त ने फ़ोन के माध्यम से इसकी सूचना जिलाधिकारी को दी। सूचना पर पहुँचे सासाराम अंचलाधिजारी, डीसीएलआर एवं दंडाधिकारी चंद्रमा राम के नेतृत्व में बंद ताला को तोड़ा गया। उसके बाद नगर आयुक्त को पीछे के रास्ते से नगर निगम से बाहर निकाला गया। मेयर सहित उप मेयर एवं वार्ड पार्षदों ने मुख्य गेट का तालाबंद कर नगर निगम परिसर में नगर आयुक्त के खिलाफ धरने पर बैठ गए। नगर निगम में हंगामा की सूचना मिलते ही सासाराम एसडीएम मनोज कुमार एवं डीएसपी संतोष राय दल बल के साथ नगर निगम पहुँचे। इस दौरान उन्होंने नगर आयुक्त खिलाफ धरने पर बैठे लोगों से बातचीत किया और मामला को शांत कराया। एसडीएम ने कहा कि मेयर, वार्ड पार्षदों तथा नगर आयुक्त के बीच चली आ रही विवादों को सुलझा लिया गया है। जिलाधिकारी के समक्ष बैठ कर बात चीत कर मामला सुलझा लिया गया है।
वही मेयर काजल कुमारी ने कहा कि नगर आयुक्त अपनी मनमानी पर उतर आए है। उन्हें जनता की समस्यओं से कोई लेना देना नही है। वो सिर्फ अपना आराम देख रहे है। उन्होंने कहा कि शहर में बदहाली के जिम्मेदार नगर आयुक्त है और जनता सवाल हमसे कर रही है। मेयर ने कहा कि जनता ने शहर को साफ सुथरा और विकास के उद्देश्य हम लोगों को वोट देकर जिताया था तो वे लोग सवाल हमसे ही करेंगे, लेकिन जब शहर के विकास के मुद्दे की बात की जाती है तो नगर आयुक्त का उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आता है। उन्होंने कहा कि आज नगर आयुक्त को आए कई महीने हो गए लेकिन शहर की वस्तु स्थिति को लेकर अभी तक उन्होंने किसी भी वार्ड पार्षद, मेयर या उप मेयर से जानकारी नहीं लिया और ना ही इसे दूर करने को लेकर विचार विमर्श किया।
मेयर कायल कुमारी ने बताया कि ऐसे में नगर आयुक्त की मनसा साफ झलकती है कि वह सिर्फ अपना आराम चाहते हैं, क्योंकि आते ही उन्होंने अपने लिए महंगी गाड़ी का डिमांड करके मंगवाया, जिसका बोझ नगर निगम को ही पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारी जनता के नौकर होते हैं और हमें जनता के सुख सुविधाओं के लिए तत्पर रहना पड़ेगा क्योंकि शहर की जनता सुख-सुविधाओं के लिए नगर निगम को टैक्स देती है। और उसी टैक्स की बदौलत उन्हें साफ सफाई, बिजली, पानी देने का कार्य नगर निगम करती है। परंतु नगर आयुक्त जनता के पैसों का दुरुपयोग कर रहे है।