- बिहार में खेल के साथ साथ खिलाड़ियों को प्रशिक्षण को ले किया गया एक दिवसीय कार्यशाला का अयोजन
- साउथ अफ्रीका सहित देश की विभिन्न एक्सपर्ट्स ने बिहार के विभिन्न खेलों के कोच को दिए कई टिप्स
पटना। बिहार में खेल को बढ़ावा देने के लिए नित्य नए प्रयास किए जा रहें है। साथ ही साथ समय समय पर खेल से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर कभी खिलाड़ियों तो कभी खेल की प्रशिक्षकों को मोटिवेट कर बिहार में खेल को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत मंगलवार को पटना स्थित दशरथ मांझी सभागार में बिहार स्टेट स्पोर्ट्स अथॉरिटी (बीएसएसए) एवं श्री रामचंद्ररा सेंटर फॉर स्पोर्ट्स साइंस, चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कोचेस एंड सपोर्ट स्टाफ – साइंस रिफ्रेसर प्रोग्राम सह कार्यशाला का अयोजन किया गया। इस कार्यशाला में बिहार विभिन्न खेलों से जुड़े कोच ने भाग लिया। कार्यक्रम में साउथ अफ्रीका से आए स्पोर्ट्स साइंस एक्सपर् एंड्रू ग्रे, स्पोर्ट्स मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ के.ए तियागराजन, ओलंपियन सह पूर्व भारतीय हॉकी कैप्टन एंड कोच वी भास्करन, स्पोर्ट्स निर्टीशन स्कॉलर अंसा साजू एवं खेल मनोचिकित्सक डॉ जॉली रॉय ने खेल के विभिन्न आयामों के बारे में जानकारी दिया। इसके पूर्व बिहार खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविन्द्र शंकरण ने सभी सभी अतिथियों को शॉल व मोमेंटो देकर सम्मानित किया। कार्यशाला में आए श्री रामचंद्र सेंटर फॉर स्पोर्ट्स साइंस के प्रोफेसर एंड हेड डिपार्टमेंट ऑफ आर्थोस्कोपी एंड स्पोर्ट्स मेडिसिन के डॉ केए थियागराजन ने वहां मौजूद विभिन्न खेलों के कोच को बताया की खेल के दौरान आए इंजुरी को कम किया जा सकता है। साथ ही साथ इंजरी आने के बाद एक खिलाड़ी को कैसे उसके चोट का ऑपरेशन कर खिलाई को फिट किया जा सकता है। साथ ही साथ कितने समय के बाद और किस तरह के एक्सरसाइज के माध्यम से उसे पुनः खेल में वापस लाया जा सकता है। वही साउथ अफ्रीका से आए स्पोर्ट्स साइंस एक्सपर्ट एंड्रू ग्रे ने कहा की विभिन्न देशों के लोगों की शरीर की बनावट एक जैसी नहीं होती और क्षमता भी अलग अलग होती है। उन्होंने कहा की क्षमता और शरीर के बनावट के साथ साथ वातावरण के अनुसार खिलाडियों के उनके उम्र के अनुसार प्रशिक्षित करे। साथ ही साथ यह भी देखें की कौन सा खिलाड़ी किस खेल में बेहतर कर सकता है।
ओलंपियन सह पूर्व भारतीय हॉकी कैप्टन एंड कोच वी भास्करन ने भी हॉकी से जुड़े कोच को खेल के दौरान होने वाली इंजरी को बताया। साथ ही यह भी बताया की उसे कैसे कम किया जा सकता है। श्री भास्करन ने बताया की किया उम्र के बच्चो को किस तरह का प्रशिक्षण दिया जाए जिससे उनका खेल बेहतर हो सके। वही न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट अंसा साजू ने बताया की एक खिलाड़ी को सही न्यूट्रीशियन कितना जरूरी है। उन्होंने खेल के दौरान, प्रशिक्षण के दौरान कौन सा खाद्य पदार्थ व कौन सा पे पदार्थ एक खिलाड़ी को देना चाहिए जिससे उसका एनर्जी लेबल बढ़े। साथ ही साथ वो खाद्य पदार्थ उस खिलाड़ी के शारीरिक विकास में भी मदद करें। वही प्रोफेसर एंड स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट डॉ जॉली रॉय ने बताया की खिलाड़ियों को मानसिक फिट रहना कितना जरूरी है। उन्होंने बताया की अगर कोई खिलाड़ी बेहतर करने के बाद उसके खेल में गिरावट आ रही है तो कैसे उसे प्रेरित करें। साथ ही साथ उन्होंने बताया की कैसे जाने की किस वजह से इस खिलाड़ी के खेल में गिरावट आ रही है। वही बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविन्द्र शंकरण ने का की इस तरह के कार्यशाला का मुख्य मकसद बिहार के सभी मुख्य खेलो से जुड़े कोच को नए नए तकनीकों से अपग्रेड करना है। उन्होंने कहा की बिहार में सभी खेलों के कोच और खिलाड़ी मेहनत तो कर रहें है परंतु उसके अनुसार रिजल्ट नही दे पा रहें है। उसी को बढ़ावा देने के लिए इस तरह का कार्यक्रम का अयोजन किया गया है। महानिदेशक ने बताया की अपने खिलाड़ियों के लिए अपने ही राज्य से कोच की तलाश कर उन्हे विभिन्न राज्यों में प्रशिक्षण प्रदान कराया जा रहा है ताकि वो कोचेज अपने राज्य के बच्चो को बेहतर कोचिंग दे सके। कार्यक्रम के अंत में वहां मौजूद कोच एवं एनआईएस ने खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षित करने के लिए अन्य टिप्स के बारे में जानकर पाने के लिए एक्सपर्स से सवाल जवाब भी किया। मौके पर राज्य के विभिन्न जिले के भिभिन्न खेलो से आए कोच के अलावा एनआईएस, जिला खेल पदाधिकारी मौजूद रहें।