- 19 प्रखण्डों के कुल 42 गांवों में एक साथ शुरू होगा अभियान
सासाराम। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर चलाए जा रहे अभियान के तहत जिले में कल से नाइट ब्लड सर्वे की शुरुआत की जाएगी। जिले के सभी 19 प्रखंडों में सोमवार की रात्रि 8:00 से अभियान की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए जिला फाइलेरिया विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर आगामी 10 अगस्त से जिले में एमडीए (मांस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) सर्वजन दवा सेवन अभियान की शुरुआत होनी है उसके पूर्व लोगों में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी की पहचान को लेकर नाइट ब्लड सर्वे अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत लोगों के खून का सैंपल लेकर फाइलेरिया परजीवी की जांच की जाएगी। नाईट ब्लड सर्वे के दौरान प्रत्येक प्रखंड से 600 रक्त सैंपल एकत्रित किए जाएंगे। सैंपल के लिए जिले में गांव का भी चयन कर लिया गया है। प्रत्येक प्रखंड 2 गांव को चयनित किया गया है। जिले के 19 प्रखंडों में कुल 42 गांव का चयन किया गया है जहाँ एक साथ नाइट ब्लड सर्वे किया जाएगा। प्रत्येक प्रखंड में एक रेंडम और एक सेंटिनल साइन का चयन किया गया है। प्रत्येक गांव से 300- 300 सैंपल लिए जाएंगे। रक्त की सैंपल के जांच के बाद माइक्रोफाइलेरिया दर का पता चलेगा। 1 प्रतिशत से कम माइक्रोफाइलेरिया दर वाले गांव में एमडीए अभियान नहीं चलाया जाएगा, जबकि 1 प्रतिशत से अधिक माइक्रो फाइलेरिया दर वाले गांव में अभियान चलाया जाएगा। पिछले साल सिर्फ 7 प्रखंडों में अभियान चलाया गया था लेकिन इस बार सरकार ने बदलाव करते हुए सभी प्रखंडों में एमडीए अभियान के पूर्व लाइट बर्ड सर्वे कराने का निर्णय लिया है।
इन गाँव मे चलेगा नाईट ब्लड सर्वे अभियान
फलेरिया जांच के लिए रक्त संग्रह को लेकर जिले के 19 प्रखंडों के 42 गांव में जांच शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें अकोढ़ीगोला के बलिगांवा एवं बांक, बिक्रमगंज के तुर्ति एवं गुलजारबाग, चेनारी के खुरमाबाद एवं मल्हीपुर, दावथ के दावथ एवं इटवां, डेहरी के चिलबिला एवं वेलकप, दिनारा के लीलवछ एवं भानस, करगहर के बभनी एवं इस्लामपुर, काराकाट के चिकसील एवं बड़े, कोचस के चितांव एवं नुआंव, नासरीगंज के अतिमी एवं धनव इंग्लिश, नौहट्टा के बल्तुआ एवं तिलोखर, नोखा के कैथी एवं घुसिया, राजपुर के तराव एवं पड़रिया, रोहतास के तुंबा एवं रसूलपुर, संझौली के चैता नरवर एवं करमैनी, सासाराम के मोकर एवं दरिगांव, शिवसागर के कुमहउँ एवं भगवालिया, सूर्यपुरा के सूर्यपुरा एवं गोसलडीह, तिलौथू के सेवही एवं सरैया, सासाराम शहरी में सागर, बौलिया, देहरी शहरी में मथुरापुर कॉलोनी एवं मोहन बीघा शामिल है जहां नाइट ब्लड सर्वे अभियान चलाया जाएगा।
नाईट ब्लड सर्वे जरूरी
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण प्राधिकारी जयप्रकाश गौतम ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। यह बीमारी फाइलेरिया संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है। यह मच्छर क्यूलेक्स एवं मेमसोनाइडिस प्रजाति के होते हैं। जिसमें मच्छर एक धागे के समान परजीवी को छोड़ता है और वह परजीवी हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है। इस बीमारी का लक्षण 10 से 12 वर्षों के बाद दिखाई है। इस बीमारी की पहचान के लिए रात में ही ब्लड का सैंपल लेकर किया जाता है। सैंपल के माध्यम से लोगों में मौजूद परजीवी की जांच की जाती है। उन्होंने बताया कि लोगों के शरीर में मौजूद परजीवी मुख्यतः रात में 8:00 के बाद ही सक्रिय होते हैं, इसलिए इसकी जांच रात्रि 8:00 बजे से लेकर रात्रि 12:00 बजे तक किया जाता है और फिलहाल यह जांच साल में एक बार ही किया जाता है।
नाईट ब्लड सर्वे के दौरान करवाए जांच
जिला वेक्टर बोर्न डिजिज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार ने कहा कि फाइलेरिया कभी ना ठीक होने वाली बीमारी है। यदि एक बार हो जाए तो उसे ठीक नहीं किया जा सकता है। परंतु फाइलेरिया की पहचान होने पर दवा खा कर उसे आगे बढ़ने से रोका जा सकता है, इसलिए 10 अगस्त से शुरू हो रहे हैं सर्वजन दवा सेवन अभियान में फाइलेरिया की खुराक जरूर खाएं। इसके पूर्व 19 जून से 24 जून तक चलने वाले नाइटब् लेड सर्वे अभियान में हिस्सा लेकर फाइलेरिया जांच जरूर करवाएं क्योंकि यही एक माध्यम है जिससे फाइलेरिया होने की पुष्टि होती है।