- टीबी पीड़ित 14 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चो की संख्या 61, सासाराम में सर्वाधिक 21
सासाराम। टीबी एक जानलेवा बीमारी है और यह बीमारी उम्र देखकर नहीं होता। टीबी माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से फैलता है। जानकारी के अभाव में यह बीमारी बच्चों से लेकर बयस्कों तक को अपने चपेट में ले रहा है। आज इस बीमारी से बड़े ही नहीं बच्चे भी जूझ रहे हैं। बच्चों में टीबी का अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है। ऐसे रोहतास जिले में बच्चों में टीबी का मामला लगातार बढ़ रहा है। बच्चों की टीबी वयस्कों की टीवी से अलग होती है, इसलिए बच्चों में इस बीमारी के होने के कारण एवं लक्षण भी बड़ों से अलग होते हैं, जिसे सही समय पर पहचान कर बच्चों को इस खतरनाक बीमारी से बचाया जा सकता है। विषेशज्ञों की माने तो बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ों की अपेक्षा काफी कम होती है। ऐसे में उन्हें टीबी होने की संभावना काफी रहती है। जिला यक्ष्मा विभाग की माने तो बड़ों के साथ-साथ 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों में भी टीबी के लगातार मामले जिले में देखने को मिल रहे हैं। हर महीने बच्चों में टीबी के मामले आ रहे हैं जिसमें 5 वर्ष से लेकर 15 वर्ष के बच्चे भी शामिल हैं।
सासाराम निवासी विपिन कुमार सिन्हा का पांच वर्षीय पुत्र अर्नव को लगातार तेज़ बुखार और कमजोरी की शिकायत मिल रही थी, जिसका इलाज उन्होंने सासाराम से वाराणसी तक कराए परंतु कोई फायदा नहीं हुआ। बच्चे की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी अंत में उन्होंने लखनऊ के डॉक्टरों को दिखया तो डॉक्टरों ने बच्चे के रीढ़ में टीबी होने की बात बताई और इस बीमारी की पुष्टि करते हुए उन लोगों ने रोहतास जिले के यक्ष्मा केंद्र में रेफर कर दिया। पिछले 4 महीनों से उनके पुत्र का इलाज जिला यक्ष्मा केंद्र से जारी है और वह पहले से काफी बेहतर है।
जिले में 61 टीबी पीड़ित बच्चे इलाजरत
टीबी बीमारी से ग्रसित होने वालों में सिर्फ अर्नव ही नहीं है बल्कि जिले के कई ऐसे बच्चे हैं जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं। जिला यक्ष्मा केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार रोहतास जिले में 1400 टीबी के मरीज इलाजरत है जिसमे से 61 बच्चे शामिल है जिनकी उम्र 14 वर्ष से कम है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सासाराम प्रखण्ड में टीबी पीड़ित बच्चों की संख्या सर्वाधिक 21 है जबकि बिक्रमगंज में 11, डिहरी में 09, दिनारा में 08, काराकाट में 02, नासरीगंज में 02, नौहट्टा में 02, सूर्यपुरा में 02 तिलौथू में 01, दावथ में 01, काराकाट में 01, रोहतास में 01 टीबी से पीड़ित बच्चे मौजूद हैं। विभाग की माने तो प्रत्येक महीने 4 से 5 टीबी से पीड़ित बच्चे पाए जा रहें है।
बच्चो ने टीबी एक गंभीर समस्या
जिला यक्ष्मा केंद्र के सीडीओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि बच्चों में टीबी होना काफी गंभीर समस्या है। क्योंकि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होता है ऐसे में यह रोग बच्चों को जल्दी प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि बच्चों में टीबी मुख्यतः कई कारणों से फैलते हैं, जिसमें पहला कारण घर में किसी व्यक्ति को टीबी होना माना जा सकता है। या फिर स्कूल तथा खेल के मैदान में टीबी से ग्रसित बच्चों या व्यक्तियों के संपर्क में आने से होने का चांस ज्यादा रहता है। उन्होंने बताया कि बच्चों में टीबी का मुख्य लक्षण लगातार तेज बुखार आना, खाना नहीं पचना, लगातार वजन में गिरावट आना, बच्चों में सुस्ती दिखाई देना, एवं थकान आना मुख्य लक्षण माना जाता है। ऐसे में यदि बच्चों में इस तरह के लक्षण दिखाई दे तो एक बार टीबी की जांच जरूर करवा लें, क्योंकि समय से इसकी पहचान होने पर इस बीमारी से छुटकारा मिलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।