सासाराम। युवाओं को नौकरी देने का वादा के साथ-साथ शिक्षकों की नौकरी छिनने वाली बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना गुनाह है। उनके खिलाफ बोलने वाले लोगों को सरकार डंडे से पिटती है और हत्या करती है। मुझे गर्व है कि मेरा खून युवाओं के साथ साथ बिहार के लोगों के हक के लिए बहा। उक्त बातें रविवार को जमुहार स्थित गोपाल नारायसन सिंह विश्वविद्यालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा के काराकाट लोक सभा प्रभारी सह प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य त्रिविक्रम नारायण सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि बिहार में युवाओं को नौकरी देने का वादा करने वाली सरकार तथा शिक्षकों के साथ नाइंसाफी को लेकर 13 जुलाई को बिहार की राजधानी पटना में शांतिपूर्ण मार्च निकाला गया था। इस दौरान महागठबंधन के मुखिया नीतीश कुमार के इशारे पर पुलिस बल के द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं को लाठी-डंडों से पीटा गया। इतना ही नहीं कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। इसमें जहानाबाद के भाजपा के महामंत्री विजय कुमार सिंह की मृत्यु हो गई। श्री सिंह ने बताया कि बिहार की सरकार वर्तमान में जनरल डायर की भूमिका निभा रही है। अपना हक मांगने वाले लोगों पर लाठियां बरसा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह 13 जुलाई को घटना को अंजाम दिया गया यह पूरी तरह से सोची समझी साजिश थी। यह बिहार के लिए काल दिन था। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पहले ही मन बना चुके थे कि भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या करना है और वे सफल भी हुए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कार्यकर्ताओं के सिर पर लाठियां बरसाई जा रही थी इससे नहीं लगता कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां बरसाई जा रही है, क्योंकि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कार्यकर्ताओं के पैर या कमर पर लाठियां बरसाई जाती है, परंतु पुलिस सीधे कार्यकर्ताओं के सिर पर लाठियां बरसा रही थी, जिससे यह साबित होता है कि नीतीश कुमार के इशारे पर बिहार के पुलिस भाजपा कार्यकर्ताओं के सिर पर लाठियां बरसा कर उन्हें जान से मारना चाहती है।
श्री सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार इतने निचले स्तर की राजनीति करेंगे इसका कभी उम्मीद नहीं किया गया था। श्री सिंह ने कहा कि हमें गर्व महसूस होता है कि हम लोगों ने यहां के युवाओं के हक के लिए लड़े और आगे भी लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के द्वारा बरसाए गए लाठी-डंडे से भाजपा कार्यकर्ता डरने वाले नहीं है, क्योंकि हम लोग बिहार के लोगों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि दुर्भाग्य की बात यह है कि इस हक की लड़ाई में शहीद हुए हमारे एक साथी की मौत को भी सरकार झुठला रही हैं। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि हम लोग पुलिसकर्मियों पर मरचा पाउडर फेंके हैं, तो सरकार उसका वीडियो फुटेज क्यों नहीं उपलब्ध कराया जबकि डाक बंगला चौराहे पर चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। बावजूद इसके वहां की पुलिस ने मरचा फेंकने का एक भी प्रमाण नहीं दिए। इससे साबित होता है कि सरकार पहले से ही तैयारी में थी। वही मौके पर मौजूद प्रेस वार्ता की अध्यक्षता कर रहे हैं रोहतास जिला अध्यक्ष सुशील कुमार चंद्रवंशी ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि जो वह मंजर था वह काफी भयावह था, क्योंकि पुलिस लाठियां बरसा रही थी वो भी कार्यक्रर्ताओं के सिर पर। मौके पर जिलाध्यक्ष सुशील चंद्रवंशी, जिला महामंत्री विजय सिंह , प्यारेलाल ओझा,अशोक शाह, जिला उपाध्यक्ष विवेक सिंह, जिला मीडिया प्रभारी ई पुलकित सिंह, बबल कश्यप, नवीनचंद शाह, रोहित राज, शशिभूषण प्रसाद, आर्यन सिंह, दीपक कुमार आदि लोग शामिल थे।