- स्वास्थ्य संबंधी गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के लिए मिलता है यह सर्टिफिकेट
- चरणबद्ध तरीके से सर्वेक्षण के बाद जारी होता है एनक्यूएएस प्रमाणपत्र
पटना। राज्य के सात सदर अस्पतालों को राज्य स्तरीय एनक्यूएएस(नेशनल क्वालिटी एस्सुरेंस स्टैंडर्ड्स) प्रमाणपत्र मिला है. इनमें बेगूसराय, खगड़िया, मधेपुरा, सहरसा, बांका,समस्तीपुर तथा सीतामढ़ी सदर अस्पताल शामिल हैं. सरकारी अस्पतालों में आये मरीजों की गुणवत्तापूर्ण सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एनक्यूएएस यानी नेशनल क्वालिटी एश्यूरेंस स्टैंडर्ड प्रमाणीकरण जारी किया जाता है. इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के सचिव सह कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने इन जिलों के सिविल सर्जनों को पत्र लिख कर आवश्यक दस्तावेज भेजे जाने के लिए निर्देश दिया है. नेशनल क्वलिटी एश्यूरेंस स्टेंडर्ड प्रमाणीकरण प्रक्रिया के तहत विभिन्न चरणों में सरकारी अस्पतालों में मौजूद गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की जांच कर स्कोरिंग की जाती है. इस स्कोरिंग में बेगूसराय सदर अस्पताल को 86 प्रतिशत, खगड़िया सदर अस्पताल को 90 प्रतिशत, मधेपूरा को 78, सहरसा को 90, बांका को 88, समस्तीपुर को 81 तथा सीतामढ़ी सदर अस्पताल को 76 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं.
मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का सर्वेक्षण
इन जिलों के सदर अस्पतालों का दौरा कर मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं का सर्वेक्षण किया गया. इस सर्वेक्षण में मरीजों से बातचीत और अन्य प्रक्रियाएं पूरी की गयी. नेशनल क्वालिटी एश्यूरेंस स्टैंडर्ड प्रमाणीकरण इस बात का प्रमाण है कि अस्पताल में निर्धारित मानकों को पूरा कर मरीजों का इलाज किया जाता है. सर्वे के आधार पर अंक प्रदान किये जाते हैं. सर्टिफिकेशन से पूर्व क्वालिटी एश्यूरेंस के लिए विभिन्न श्रेणियां निर्धारित की जाती है. विभिन्न विभागों की मानकों पर होती है जांच:अस्पताल के विभिन्न विभागों में मौजूद सेवाओं के आधार पर क्वालिटी एश्यूरेंस सर्टिफिकेशन जारी किया जाता है जिसमें ओपीडी, लेबर रूम, मैटरनिटी वार्ड, शिशु वार्ड, एनएनसीयू, एनआसी, ऑपरेशन थियेटर, ब्लड बैंक, लैब, रेडियोलॉजी, फॉर्मेसी व अन्य विभागो सहित सामान्य प्रशासन शामिल है. सभी की जांच कर चेकलिस्ट भरा जाता है और इस आधार पर अस्पतालों की स्कोरिंग की जाती है।
गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की जांच के लिए है एनक्यूएएस
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी होने वाली क्वॉलिटी एश्यूरेंस स्टेंडर्डस प्रमाणीकरण कई चरणों में पूरी होती है. इस प्रक्रिया के प्रारंभ में प्रत्येक अस्पताल अपने यहां मौजूद स्वास्थ्य सेवाओं और आधारभूत संरचनाओं का मूल्यांकन स्वयं करती है और इसकी रिपोर्ट राज्य को भेजती है. इसके बाद उस स्वास्थ्य केंद्र का पीयर असेसमेंट किया जाता है जिसमें दूसरे जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम उस अस्पताल का निर्धारित मानकों के आधार पर मूल्यांकन कार्य करती है. यहां से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद राज्य स्तरीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा पुन: उस अस्पताल का मूल्यांकन किया जाता है. इस मूल्यांकन में सफलता हासिल करने वाले अस्पताल को राज्य स्तरीय एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन मिलता है. इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा अस्पताल का मूल्यांकन कर अंतिम रूप देते हुए राष्ट्रीय स्तर पर एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है. इसके बाद ही अस्पताल को स्पेशल फंड मिल पाता है. इस राशि का उपयोग मरीजों की सेवाएं बढ़ाने, अस्पतालों में सुविधाएं और साफ-सफाई और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए किया जाता है.