संझौली। पूर्व मध्य रेल द्वारा संझौली स्टेशन के आधारभूत संरचना निर्माण के लिए करीब 50 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई थी। संरचना निर्माण से शेष बचे भूमि पर अनाधिकृत रूप से रेलवे विभाग कि भूमि पर स्थानीय कर्मियों की शह पर अनाधिकृत रूप से खेती की जा रही है। जानकार बताते हैं कि 1995- 96 में तत्कालीन रेल मंत्री रामविलास पासवान ने बजट सत्र में आरा- सासाराम खण्ड निर्माण की स्वीकृति दी थी। इसके बाद तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में उक्त रेलखड का डीपीआर तैयार की गई। इसके बाद पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल में कार्य प्रारंभ हुआ एवं जनवरी 2009 में आरा – सासाराम रेल का परिचालन प्रारंभ हुआ। 96 किलोमीटर आरा – सासाराम रेलखंड के आधारभूत संरचना के लिए बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण की गई थी । पूर्व मध्य रेल के अंतर्गत आरा – सासाराम रेलखंड 96 किलोमीटर निर्माण के लिए सासाराम से आरा तक काफी संख्या में भूमि अधिग्रहित की गई थी।
रेलवे की रेल पटरी बिछाए जाने के बाद आधारभूत संरचना का भी निर्माण हुआ। इसके बाद शेष बचे भूमि पर या तो भूमि माफिया अथवा पूर्व के रैयत उक्त भूमि पर धान- गेहूं का खेती कर लाखों रुपए उपार्जन कर रहे हैं। विभाग को राजस्व की हो रही क्षति। ग्रामीण सूत्रों का कहना है कि पूर्व में रेलवे विभाग के निचले स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से आर्थिक लाभ देकर दिन के उजाले में खेती होती थी। दो-तीन वर्ष के बाद यह परंपरा टूट गई। अब रात के अंधेरे में अथवा मौका देख कर रेलवे की भूमि पर खेती की जाती है। रेल को राजस्व के रूप में एक रुपए भुगतान नहीं की जाती है। इस संबंध में पूर्व मध्य रेल के सहायक मंडल अभियंता बिक्रमगंज एन0के0 सिन्हा ने कहा कि रेलवे की भूमि चिन्हित कर खंभा गाड़ दी गई है। उन्होंने बताया की अनधिकृत रूप से ही खेती हो रही है, खेती के लिए बंदोबस्ती नही की गई है।