शिवसागर। प्रखंड मे कई हफ्तों से बारिश नही होने से इलाके के खेत सूखने लगे है।वही कई इलाको में किसान पानी की कमी से रोपनी करने से महरूम हो रहे है।वर्तमान स्थिति में बारिश नही होने से खेत सूख रहे है या उनमें मोटी दरार आ गई है।स्थानीय किसानों का मानना है की ऐसी स्थिति बनी रही तो धान की फसल काफी प्रभावित होगा और किसान भुखमरी के कगार पर आ कर खड़े हो जाएंगे।बताते चले की इलाके के निचले भाग जहां जो नहरों से लिंक किए गए है वहां तक नहरों का पानी पहुंचना काफी मुश्किल है।ऊपरी भाग के किसानों द्वारा उपर ही जगह जगह पानी बांध दिया जाता है।थोड़ा मोड़ा पानी आता है तो माइनर,आहर और करहा की जर्जर स्थिति से बर्बाद हो जाता है।बताते चले की शिवसागर प्रखंड के अधिकांश भाग मे पटवन इन्ही करहो,आहर और ताल के जरिए होता है।सिंचाई विभाग की लापरवाही का ताजा उदाहरण सासाराम टेकारी माइनर है जो बिना साफ सफाई और जर्जर हालत के कारण घोरघट गांव के पास बार बार टूट रहा है। टूटने के कारण शिवसागर,बम्हौर, पखानारी के इलाको में पानी नहीं पहुंच रहा है।इस इलाके के खेतो में दरार पड़ गई है और 90 प्रतिशत किसानों की रोपनी नही हुई है।वही घोरघट के इलाको में पानी खेतो में इतना भर गया है की रोप सड़ और गल रहे है।लेकिन बारिश नही होने के कारण प्रखंड के पहाड़ी इलाका और 60 प्रतिशत मैदानी इलाका सुखाड़ की चपेट मे है। किसानों ने कहा की सरकार को सिंचाई विभाग पर लगाम कस कर इलाके के अतिक्रमित जलाशयों,जर्जर आहर,माइनर और अन्य जल स्रोतों को दुरूस्त करना चाहिए।किसानों ने कहा की धान की खेती मोटर और डीजल पंप के सहारे कब तक किया जाएगा।यही स्थिति रही तो किसान इस वर्ष भारी नुकसान का सामना कर सकते है।
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