- सभी प्रखण्डों में बनाये गए है डायरिया नियंत्रण टीम, सदर अस्पताल में आईसोलेशन वार्ड मौजूद
सासाराम। गर्मी के बाद बरसात शुरू होते ही एक बार फिर जिले में डायरिया का असर देखने को मिल रहा है। सासाराम सदर अस्पताल में आए दिन डायरिया से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं हालांकि जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा जिले में फिलहाल किसी भी प्रखण्ड या गांव में डायरिया प्रभावित क्षेत्र चिन्हित नही किया गया है। वही सदर अस्पताल में डायरिया को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं डायरिया से पीड़ित मरीजों के लिए अलग से स्पेशल वार्ड बनाए गए हैं। जहां उन्हें भर्ती करके ईलाज किया जा रहा है। वहीं जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को डायरिया से बचाव के साथ साथ सावधानी बरतने के लिए भी अपील किया जा रहा है। लोगों को सलाह दी जा रही है की डायरिया से बचाव के लिए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें साथ ही साथ खान पान में भी विशेष सावधानी बरतें।
डायरिया के कारण और लक्षण
डायरिया होने का मुख्य कारण वायरल या बैक्टीरिया इन्फेक्शन होता है। इसके साथ भी डायरिया के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जिसमें दूषित पानी, दूषित भोजन का इस्तेमाल, भोजन न पचना भी डायरिया के कारण हो सकते हैं। यदि इस बीमारी के लक्षण की बात करें तो उसमें पानी जैसा मल होना, अत्यधिक मतली आना, पेट में दर्द और सूजन होना, शरीर में पानी की कमी होना, बार बार बुखार आना, पेट में ऐठन होना, दस्त(उलटी) होना डायरिया के लक्षण माने जाते हैं।
स्वास्थ्य के प्रति रहे सचेत
एसीएमओ डॉ अशोक कुमार ने बताया कि गर्मी और बरसात के दिनों में डायरिया का प्रकोप ज्यादा देखने को मिलता है। ऐसे मौसम में अधिक से अधिक सावधानी बरत कर इस बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए शुद्ध व स्वक्ष पानी पिए, ताज एवं गर्म खाना खाएं, खाने से पूर्व हाथ की अच्छी तरह से सफाई करें। कोशिश करें कि बासी भोजन का इस्तेमाल न करें। डॉ अशोक कुमार ने बताया कि डायरिया के दौरान अधिक उल्टी या पानी जैसा पतला मल होता है तो ऐसे में शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे बचने के लिए ओआरएस का घोल या स्पोर्ट्स ड्रिंक का लगातार इस्तेमाल करते रहे। उन्होंने बताया कि डायरिया होने पर लापरवाही न बरतें, यदि ओआरएस से भी कोई फायदा ना दिखाई दे तो तत्काल नजदीक के अस्पताल में संपर्क करें।
अस्पताल में है विशेष सुविधा
डॉ अशोक कुमार ने बताया कि डायरिया से निपटने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति पूरी तरह से सक्षम है। इसके बचाव और रोकथाम के लिए लगातार लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डायरिया से बचाव के लिए हर प्रखंड में डायरिया नियंत्रण टीम बनाई गई है जो डायरिया से पीड़ित मरीजों की पहचान करके उचित इलाज उपलब्ध कराते हैं। एसीएमओ ने बताया कि सदर अस्पताल में डायरिया वार्ड बनाया गया है। डायरिया से पीड़ित जो भी मरीज आते हैं उन्हें स्पेशल वार्ड में भर्ती करके उनका इलाज किया जाता है। डायरिया से पीड़ित मरीजों को दी जाने वाली सभी दवाइयां भी उपलब्ध है।