- शिविर में टीबी, यौन रोग, संचारी रोग, एचआईवी व हेपेटाइटिस बी/सी की हो रही जांच
सासाराम। स्वास्थ्य के अधिकार के तहत समाज के सभी लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया हो इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। आम लोगों के साथ-साथ जेल में बंद बंदियों को भी यह सुविधा मिले इसके लिए भी बंद बंदियों की स्वास्थ्य को लेकर सरकार काफी सचेत है और समय-समय पर जांच शिविर लगाकर उनकी नियमित जांच की जाती है। इसी के तहत 17 अगस्त से लेकर लगातार एक महीने तक जेल में बंद बंदियों के लिए विशेष जांच शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस जांच शिविर में टीबी, यौन रोग, संचारी रोग, एचआईवी व हेपेटाइटिस बी एवं सी की जांच की जा रही है। जांच के साथ उचित परामर्श एवं दवाइयां मुहैया कराई जा रही है। सासाराम मंडल कारा के साथ-साथ बिक्रमगंज स्थित अनुमंडलीय जेल एवं बाल सुधार गृह में बंद बच्चों की भी जांच की जाएगी। फिलहाल जांच शिविर सासाराम स्थित मंडल कारा में चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 17 अगस्त से चलाए जा रहे अभियान के दौरान अब तक कुल 484 मरीजों का जांच किया गया जिसमें प्रथम दिन यानी 17 अगस्त को कुल 77, महिला एवं पुरुष बंदियों की जांच की गई। वही 18 अगस्त को 102, 19 अगस्त को 109, 21 अगस्त को 91 एवं 22 अगस्त को 105 बंदियों का जांच किया गया। सासाराम मंडल कारा में लगभग 1400 सौ के आसपास बंदी है और प्रतिदिन 100 बंदियों की जांच का लक्ष्य रखा गया है।
संचारी रोगों पर विशेष बल
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉक्टर राकेश कुमार ने बताया कि मंडल कारा सासाराम में आयोजित जांच शिविर में संचारी रोगों पर विशेष बल दिया जा रहा है। खासकर टीबी उन्मूलन को लेकर भी जेल में बंद बंदियों का जांच किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिविर में टीबी, यौन संबंधी रोग एवं ऐड्स सहित पांच रोगों की जांच की गई। उन्होंने बताया कि जांच में हेपेटाइटिस बी के कई संदिग्ध मरीज पाए गए हैं। एनसीडीओ ने बताया कि सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार यह जांच शिविर लगाई गई है जो लगभग 1 महीने तक जारी रहेगा।
मंडलकारा बिक्रमगंज व बाल सुधार गृह में लगेगा शिविर
जिला संचारी रोग पदाधिकारी ने बताया कि मंडल कारा सासाराम के बाद बिक्रमगंज अनुमंडल जेल एवं बाल सुधार गृह के बच्चों का भी इन 5 रोगों की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान किसी भी बंदियों में रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उनका तत्काल इलाज किया जाएगा ताकि पीड़ित मरीज के वजह से अन्य मरीज संक्रमित ना हो जाए। वही जांच टीम में एचआईबी एड्स के सुपरवाइजर धर्मदेव सिंह, एसटीडी राजेन्द्र प्रसाद, एचआईवी महिला परामर्श प्रिया कुमारी, टीबी विभाग से शाहिद, आदित्य आकाश, लैब टेक्निशियन मो. यासिर जमाल, गौतम कुमार शामिल थे।