घर घर जाकर आशाकर्मी लोगों को खिला रही फाइलेरिया रोधी दवा
सासाराम। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर 20 सितंबर से चलाए जा रहे हैं सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत लोगों को घर-घर दवा खिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिले के विभिन्न प्रखंडों में आशा कर्मी लोगों के घरों तक पहुंचकर उन्हें फाइलेरिया बीमारी के बारे में जागरुक करते हुए दवा सेवन करवा रही है। इधर दवा सेवन को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति के साथ-साथ सहयोगी संस्थाएं दवा के फायदे बताते हुए लोगों को दवा खाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर बिहार के 11 जिलों में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान चलाया जा रहा है जिसमें रोहतास जिला भी शामिल है। 20 सितंबर से शुरू हुए अभियान के प्रथम तीन दिन बूथ स्तर पर दवा खिलाया गया था। उसके बाद 23 सितंबर से घर-घर दवा खिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अभियान में 4000 के आसपास स्वास्थ्य कर्मी लोगों को घरों में जाकर अपने सामने दवा का सेवन करवा रहे हैं ताकि अभियान को सफल बनाया जाए और जिले को फाइलेरिया मुक्त किया जाए।
फाइलेरिया की दवा पूरी तरह सुरक्षित
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह फाइलेरिया नोडल अधिकारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर दी जाने वाली एल्बेंडाजोल, डीईसी ,आईवरमेक्टिन दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। दवा को लेकर किसी प्रकार का नकारात्मक सोच मन में नहीं बैठाएं और ना ही दूसरों में ऐसी प्रवृत्ति उत्पन्न होने दें। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत दी जाने वाली दवा पूरी तरह से सुरक्षित और लाभकारी है। दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। यदि दवा खाने के बाद मिचली या उल्टी जैसा मन हो रहा हो तो उस स्थिति में भी घबराने की जरूरत नहीं है। यह लक्षण मुख्यतः वैसे व्यक्तियों में देखने को मिलता है जिसमे फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हो। यह लक्षण कुछ समय के अंदर समाप्त हो जायेगा। उन्होंने बताया की रोहतास जिले में लोग अभियान के तहत दवा का सेवन कर रहे है। एसीएमओ ने बताया की एमडीए अभियान का बेहतर परिणाम देखने को मिल रहा है।
घर घर लिया जा रहा है फीडबैक
एमडी अभियान को सफल बनाने में जुटी सहयोगी संस्था पीसीआई इंडिया के डीएमसी विशाल कुमार चौहान ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए सभी टीमों की मॉनिटरिंग की जा रही है। साथ ही जहां दवा सेवन कराया जा चुका है वहां पर दवा सेवन कर चुके लोगों से फीडबैक भी लिया जा रहा है कि उन्हें दवा खिलाई गई है या नहीं। यदि खिलाई गई है तो कितनी मात्रा में खिलाई गई है। साथ ही दवा सेवन के साथ अभियान के तहत दवा खिला रही आशा कर्मियों से भी दवा सेवन कराने का तरीका एवं माइक्रो प्लान की जानकारी ली जा रही है।