दिल्ली: नौकरी के बदले जमीन मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू परिवार के सदस्यों को जमानत दी है. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी को अदालत से जमानत मिली है. तीनों ही लोगों को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है. इस मामले पर अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होने वाली है. इस मामले में पेशी के लिए लालू परिवार दिल्ली भी पहुंचा हुआ था.
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में बुधवार (4 अक्टूबर) को हुई सुनवाई के दौरान लालू परिवार के तीन सदस्यों के अलावा 17 आरोपी अदालत में पेश हुए. लैंड फॉर जॉब्स मामले या कहें नौकरी के बदले जमीन मामले में ये एक नया केस है. इस मामले में तेजस्वी के साथ उनकी माता-पिता लालू और राबड़ी देवी को भी आरोपी बनाया गया है. सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है और उसने तीन जुलाई को एक चार्जशीट भी दायर की थी, जिसमें तेजस्वी को आरोपी बनाया गया.
सुनवाई के लिए दिल्ली आया था लालू परिवार
राउज एवेन्यू कोर्ट ने सितंबर में लालू परिवार समेत सभी आरोपियों को 4 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया. इस मामले पर सुनवाई के लिए ही लालू परिवार बिहार से दिल्ली आया था. सीबीआई की तरफ से जिस नई चार्जशीट को दाखिल किया गया, उसमें तेजस्वी का नाम भी शामिल किया गया. इससे पहले जिस चार्जशीट को दायर किया गया था, उसमें लालू यादव, राबड़ी देवी, इनकी बेटी मीसा भारती समेत अन्य लोगों के नाम थे. फिलहाल ये सभी जमानत पर हैं.
क्या है लैंड फॉर जॉब्स मामला?
लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 साल पुराना है. उस वक्त लालू यादव रेल मंत्री थे. दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी. बताते चलें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे.- सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया.
सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था. यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था. सीबीआई के मुताबिक, ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं.
रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत में जमीन लेने के आरोपों के मामले में सीबीआई जांच कर रही है. वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी जांच कर रही है. सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी. इस मामले में लालू यादव के करीबी व पूर्व विधायक भोला यादव और हृदयानंद चौधरी भी अभियुक्त हैं. आरजेडी नेता लालू यादव के ओएसडी रहे भोला यादव को सीबीआई ने 27 जुलाई को गिरफ्तार किया था. भोला 2004 से 2009 के बीच तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के ओएसडी थे.