गया: गया पूर्वजों के मोक्ष दिलाने के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसके प्रति हिंदुओं की आस्था तो है ही अन्य धर्म को मानने वाले भी पूर्वजों की मोक्ष की कामना को लेकर पितृ पक्ष में आते हैं। इसी क्रम में बुधवार को जर्मनी से एक दर्जन श्रद्धालु भी अपने पूर्वजों के पिंडदान और तर्पण करने पहुंचे। 12 सदस्य विदेशी श्रद्धालुओं में एक पुरुष भी थे। विदेशी श्रद्धालुओं ने देवघाट बैठकर करीब 2 घंटे तक वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ कर्मकांड किया। कर्मकांड का कार्य आचार्य लोकनाथ गौड द्वारा कराया जा रहा था। सभी विदेशी श्रद्धालु जर्मनी के थे। वहीं विदेशी श्रद्धालु यूलिया, चेटकोवा, अनाको आदि ने बताया कि पिंडदान कर काफी अच्छा लग रहा है। मोक्ष की भूमि पर आकर मां को शांति मिल रही है।
पिंडदान कर रहे विदेशी श्रद्धालु ने कहा कि धर्मगुरु नताशा सपरो से प्रेरित होकर कर्मकांड करने के लिए सात समुंदर पार से गया में आई हूं। कर्मकांड करने से मन में शांति मिल रहा। कर्मकांड के बाद विदेशी श्रद्धालुओं ने फल्गु के पवित्र जल से तर्पण किया। तर्पण के साथ पितरों के मोक्ष की कामना की। विदेशी मेहमान भारतीय परिधान में कर्मकांड कर रहे थे। तर्पण के बाद विदेशी श्रद्धालु विष्णु पद मंदिर स्थित गर्भ गृह में भगवान श्री हरि विष्णु के चरण चिन्ह पर पिंड को अर्पित किया।