सासाराम। सुरेंद्र पाल सिंह की अगुवाई में दिल्ली से तकरीबन 125 सिक्ख दर्शनार्थियों (नानकशाही) का जत्था तख्त हरमंदिर पटना साहिब होते हुए आज ऐतिहासिक गुरुद्वारा चाचा फग्गूमल साहिब सासाराम में पहुंची। जत्थे की अगुवानी सेन्ट्रल गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रबंधक सेवादारों ने किया। भव्य कीर्तन दरबार में दिल्ली से आई हुई निष्काम किर्तनी जत्था गुरबाणी के साथ अपनी हाजिरी भरी। वही हजूरी रागी जत्था राजवीर सिंघ, समरजीत सिंघ, विकास सिंघ ने भी कीर्तन के साथ हाजिरी भरी। जत्थे में आए हुए गुरविंदर सिंघ ने अपने उद्बोधन में कहा दिल्ली से जब दर्शन यात्रा का कार्यक्रम बना तो यह तय किया गया था बिहार के पहला श्री गुरु तेगबहादुर जी के निशानी स्थान पर जाकर अपने कीर्तनी जत्थे के साथ हाजिरी भरनी है एवं चाचा फगुमल साहिब जी की छत्रछाया में जो इंतजाम हम लोगों को देखने को मिला वह वाकई काबिले तारीफ है।
बता दें की श्री गुरु तेगबहादुर पातिशाही जी के अनमोल धरोहर को सासाराम की संगत ने बड़े प्यार सत्कार के साथ संजोग कर रखा है। बेर साहब स्नान, चौकी साहब शास्त्र, साहब छोटा दरवाजा साहब एवं चाचा फगुमल साहिब जी की निशानी खड़ाऊं, सिमरनी माला, पुरे पंथ कि अनमोल धरोहर निशानी है और सबसे अनमोल कृपा सृष्टि के चादर गुरु तेग बहादुर जी महाराज द्वारा इसी स्थान पर निरंकार के गुरबाणी की कृपा “राग जैजावंती महला की थी। दिल्ली की संगत को सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जत्थेदार सर्वजीत सिंघ खालसा ने गुरूद्वारा साहब के इतिहास को सुनाते हुए सभी अनमोल धरोहरों का दर्शन कराया। प्रधान सरदार सूचित सिंघ ने दिल्ली की संगत सिरोपा भेंट किया।
हेड ग्रंथि रणजीत सिंघ ने सरबत के भले के साथ निर्विघ्न यात्रा पूर्ण होने की अरदास किया। मौके पर मित प्रधान मनजीत सिंघ, जनरल सेक्रेटरी सरदार सुमेर सिंघ, सेक्रेटरी हरगोविंद सिंघ, कैशियर सरदार चरणजीत सिंघ मित, कैशीयर सरदार मोहित सिंघ के साथ-साथ गुरदीप सिंघ, सोनू सिंघ, मनोज सिंघ, छोटू सिंघ, सत्यनारायण सिंघ, कमलजीत सिंघ, जॉनु सिंघ, पप्पू सिंघ, परमजीत सिंघ, हरमीत सिंघ, रविंद्र सिंघ, सिवम कुशवाहा, ज्योति कौर, अनीता कौर, रंजना कौर, सुनीता कौर, हरमित कौर, पल्लवी कौर, शीला कौर, गीता कौर, मनिंदर कौर, पूजा कौर, खुशबू कौर, प्रीति कौर, इत्यादि ने संपूर्ण साध संगत के लिए लंगर प्रसाद तैयार कर छकाने की सेवा की।