नौ दिनों तक चलने वाला नवरात्रि का त्योहार बहुत ही खास माना जाता है। इस दौरान देवी मां के भक्त विधि-विधान से मां की पूजा अर्चना करते हैं और नौ दिन का उपवास रखते हैं, लेकिन ऐसे कई लोग हैं जिन्हें व्रत रखने का सही नियम नहीं मालूम है। इसमें जो लोग पहली बार व्रत रखने जा रहे हैं वह भी हैं और जो सालों से व्रत रखते आ रहे हैं, वो भी शामिल हैं। तो चलिए जानते हैं नवरात्रि के व्रत का सही नियम क्या है?
कब से शुरू हो रहा है शारदीय नवरात्रि?
हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होने वाला शारदीय नवरात्रि का पर्व इस बार 15 अक्टूबर दिन रविवार से शुरू हो रहा है। जिसका समापन 24 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार को होगा।
क्यों रखा जाता है नवरात्रि का व्रत?
हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाने वाला नवरात्रि का व्रत इनता महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है? धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा धरती पर भ्रमण करती हैं। ऐसे में इस दौरान व्रत रखने से मां प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। इसलिए नवरात्रि में व्रत रखने का विधान है।
नवरात्रि व्रत के क्या हैं नियम?
- अगर आप नवरात्रि का व्रत रख रहे हैं, तो इस दौरान आपको पूरी तरह से तन, मन और विचार से शुद्ध और पवित्र होना चाहिए। साथ ही इन दिनों ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए।
- नव दिन के व्रत में मन को शांत रखते हुए क्रोध न करें।
- नवरात्रि के दौरान किसी भी महिला या कन्या का अपमान न करें। घर के छोटे बच्चों पर क्रोध न करें।
- नव दिनों के इस पावन पर्व के दौरान सात्विक चीजों का सेवन करें, अगर आप उपवास नहीं भी रख रहे हैं, तो भी धूम्रपान, शराब, गुटखा, पान मसाला, तंबाकू, लहसुन प्याज और मांस मछली का सेवन न करें।
- कई लोग व्रत के दौरान फलाहार करके दिन भर कुछ न कुछ खाते-पीते रहते हैं। ऐसे में व्रत का फल नहीं मिलता है। इसलिए व्रत को व्रत की तरह रखना चाहिए।
- माहवारी और अशौच अवस्था में व्रत नहीं रखना चाहिए। इसके अलावा जिनका स्वास्थ्य खराब है उन्हें भी व्रत नहीं रखना चाहिए।
- नव दिन के व्रत को बीच में ही नहीं तोड़ना चाहिए यदि समस्या गंभीर है तो मां से क्षमा मांग कर व्रत तोड़ सकते हैं।