सासाराम। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार द्वारा चलाए गए अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ सहयोगी संस्थाओं ने इसे सफल बनाने के लिए अहम भूमिका निभाया तो वही लोगों ने भी अभियान के तहत दवा सेवन कर खुद के साथ अपने परिवार को भी इस गंभीर बीमारी से बचाव किया। उन्ही में एक है सासाराम प्रखंड के करमडिहरी निवासी 70 वर्षीय प्रभावती कुंवर। हाथीपांव से पीड़ित प्रभावती कुंवर ने खुद तो दवा का सेवन किया ही अपने घर में बेटे और बहू को भी दवा सेवन करवाया ताकि उनके परिवार को भी इस गंभीर बीमारी से न जूझना पड़े। प्रभावती कुंवर ने बताया की यह बीमारी उनकी मां को भी थी। घर के सभी लोग इसे जेनेटिक (अनुवांशिक) समझ रहें थे परंतु सरकारी अस्पताल में दिखाया तो इसे संक्रामक रोग बताया गया और इसका कारण बताया गया। प्रभावती कुंवर ने बताया की हाथीपांव की बीमारी उन्हें काफी तकलीफ देती है। कभी कभी इसका दर्द असहनीय होता है। उन्होंने बताया की घर के अन्य सदस्यों को अब यह बीमारी ना हो इसके लिए उन्होंने इस बार घर के सभी सदस्यों को दवा खिलवाया है।
कई फाइलेरिया पीड़ित लोगों ने अपने घर के सभी सदस्यों को खिलाई दवा
पीरा मल स्वास्थ्य के एसडीसी सरोज कुमार दुबे ने बताया की 20 सितंबर से 6 अक्टूबर तक चले अभियान को लेकर पहले से ही तैयारी की गई थी और लोगों लक्षित लोगों तक पहुंच दवा सेवन करवाने के लिए जगतार जागरूकता अभियान चलाया गया। सरोज कुमार ने बताया की जिले में 1500 से अधिक लोग हाथीपांव से पीड़ित है। अभियान के तहत उन्हें भी लक्षित किया गया था और अभियान के दौरान हाथीपांव से पीड़ित के साथ साथ उनके घर के सदस्यों को भी दवा सेवन करवाया गया। सरोज कुमार ने बताया की हांथीपांव से पीड़ित प्रभावती कुंवर ने खुद तो दवा खाया ही अपने घर के सदस्यों में बेटे और बहू को भी दवा सेवन करवाया। उन्होंने बताया की प्रभावती कुंवर के अलावा जिले ऐसे अन्य लोग भी रहें जिन्होंने खुद भी दवा खाया और अपने घर के सदस्यों को भी दवा खिलवाया।
जागरूकता अभियान से मिली सफलता
पीसीआई इंडिया के डीएमसी विशाल कुमार चौहान ने बताया की अभियान को लेकर हर स्तर से जागरूकता अभियान चलाया गया था। जिला स्वास्थ्य समिति के साथ नगर निकाय, स्कूल, एवं अन्य संस्थाओं के द्वारा दवा सेवन के लिए अभियान चलाया गया जिसका बेहतर परिणाम देखने को मिला। विशाल चौहान ने बताया की अभियान के दौरान जिन लोगों ने दवा सेवन नहीं किया था उन्हें मॉबलाइज किया गया और दवा न सेवन करने की जानकारी ली गई। दवा सेवन के प्रति उनकी नकारात्मक सोच को दूर किया गया और दवा सेवन के लिए प्रेरित किया गया। और इस मोबलाइजिंग की वजह से लोगों ने दवा का सेवन किया। विशाल चौहान ने बताया की जो लोग अभियान के तहत दवा नही खा पाए थे उनको मॉप अप राउंड के तहत खिलाया गया।