करगहर। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करगहर के सभागार भवन में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंर्तगत आज निक्षय मित्र पोषण योजना के तहत प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार की मौजूदगी में लाभार्थियों को खाद्य सामग्री प्रदान किया गया। अक्टूबर महीना में दूसरे माह का फूड पैकेट्स वितरण समारोह में डॉक्टर अनिल कुमार,MOIC, के द्वारा अंशु कुमारी ग्राम रीवा, मनोज शर्मा, BHM, के द्वारा अर्जुन कुमार ग्राम बडहरी, मंजू कुमारी, ANM के द्वारा नेहा कुमारी ग्राम अमवलिया, ट्विंकल कुमारी, CHO, के द्वारा मोतीलाल पासवान ग्राम पटवाडीह, चंचल कुमारी ANM के द्वारा कमली देवी ग्राम सिरसिया, नीलम कुमारी ANM के द्वारा नंद जी पासवान ग्राम बड़की खराड़ी, कुमारी नीतू सिंह ANM के द्वारा कामता पासवान ग्राम पटवाडीह, सुमीता कुमारी ANM के द्वारा सुनीता देवी ग्राम तेंदूनी पूर्वी, अरुण कुमार GNM के द्वारा रेहाना खातून ग्राम सेमरी, शिव कुमारी ANM के द्वारा मनोज राम ग्राम महेशपुर, एवं एवं सविता कुमारी ANM के द्वारा पुष्पा कुंवर ग्राम बड़की अकोढी के द्वारा टीबी मरीज का गोद लेकर फूड पैकेट का वितरण किया। साथ में उन्होंने 6 माह तक फूड पैकेट टीबी मरीज को देने की बात कही। 11 निक्षय मित्र ने भी जो टीबी मरीजों को खाने की सामग्री प्रत्येक महीना देते आ रहे है,
उनलोगो के द्वारा 11 टीबी मरीजों को फूड पैकेट का भी वितरण किया गया। इस तरह कुल 11 निक्षय मित्र बनकर 11 टीबी मरीजों को खाने का पैकेट दे रहे है। पूर्व में भी 06 पदाधिकारियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओ के द्वारा 6 मरीजो को 6 माह तक फूड पैकेट का वितरण किया गया। डॉ अनिल कुमार प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी करगहर के द्वारा प्रखंड के समाजसेवी, जनप्रतिनिधि, व्यवसाई, एनजीओ, सरकारी सेवक, आदि को आगे आकर निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को फूड पैकेट खाद्य सामग्रीयो वितरण कर सेवा करने की अपील किया। ज्ञानेंद्र कुमार सीनियर टी वी लैब सुपरवाइजर ने बताया कि टीबी बीमारी कलंक नहीं है, इसलिए इससे मन में कुंठा की भावना न रखें। समाज को टीबी मरीज से भेदभाव नहीं, हमदर्दी रखनी होगी। टीबी को लेकर हमारे समाज में गलत अवधारणाएं प्रचलित हैं, जिन्हें दूर किया जाना अत्यंत आवश्यक है। मनोज शर्मा BHM ने बताया कि टीबी बीमारी की जांच एवम डॉट्स की दवा की सुविधा मुफ्त है। ममता कुमारी सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर के द्वारा बताया गया की टीबी मरीजों को डिबिटी के द्वारा सरकार पोषण के लिए रुपए 500 प्रति माह मरीज के खाते में सहायता राशि देती है। कार्यक्रम को सफल बनाने में MOIC, BHM, STLS, STS, CHO, GNM, ANM का सहारनीय योगदान रहा है।