बार बार पैर सुजने पर सदर अस्पताल के ओपीडी में डॉक्टर से ले उचित सलाह
सासाराम। फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। यदि एक बार यह बीमारी हो जाए तो इसे ठीक नहीं किया जा सकता है। यह बीमारी क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है और यह संक्रमित बीमारी है। इस बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए सरकार बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है और 2027 तक इस बीमारी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रत्येक वर्ष सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाता है। इस अभियान में 2 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाती है। रोहतास जिला फाइलेरिया उन्मूलन विभाग की माने तो यदि कोई व्यक्ति अभियान के तहत लगातार 5 वर्षों तक दवा का सेवन कर ले तो उस व्यक्ति में फाइलेरिया होने का चांस ना के बराबर हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद है तो परजीवी वहीं समाप्त हो जाते है। जिला फाइलेरिया विभाग की माने तो यह परजीवी किसी भी व्यक्ति के शरीर में हो सकते हैं और इसका पहचान जांच के माध्यम से ही किया जा सकता है। इस बीमारी का लक्षण 10 से 12 वर्षों के बाद दिखाई देता है और एक बार लक्षण दिख गए तो उसे ठीक नहीं किया जा सकता है। इसलिए लोगों को अभियान के तहत दवाखाने के लिए सलाह दी जाती है।
पैरो के सूजन को ना करे नजरंदाज
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी जयप्रकाश गौतम ने बताया कि यदि पैर में बार-बार सूजन हो रहा हो तो उसे नजर अंदाज न करें, क्योंकि यह फाइलेरिया के लक्षण भी हो सकते हैं उन्होंने बताया कि यदि अभियान के तहत किसी कारणवश जिन लोगों ने दावा का सेवन नहीं किया और पैर फूलने की शिकायत है तो तत्काल सरकारी अस्पताल में संपर्क करके उचित सलाह ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया जांच के माध्यम से भी इसके परजीवी का पता लगाया जा सकता है। यदि शुरुआती दौर में ही इस रोग की पहचान हो गई तो इस बीमारी को वही तक रोका जा सकता है।
लोगों में जानकारी का अभाव
पिरामल स्वास्थ्य के एसडीसी सरोज कुमार दुबे ने बताया कि वह जिले के विभिन्न प्रखंडों में भ्रमण करके फाइलेरिया पीड़ित लोगों की पहचान कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने पाया कि फाइलेरिया को लेकर अधिकांश लोगों में अभी भी गलत धारणा बनी हुई है। उन्होंने बताया कि अभी भी अधिकांश लोगों का मानना है कि यह एक जेनेटिक बीमारी है। कुछ तो ऐसे लोग भी हैं जो अपना ऑपरेशन भी करवा कर अपने पैर को और भी बेकार कर चुके हैं, जबकि इस बीमारी के लिए कोई ऑपरेशन नहीं है।
ओपीडी में देखने व दवा की सुविधा मौजूद
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि फाइलेरिया से पीड़ित मरीज सदर अस्पताल के ओपीडी में आकर दिखा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सामान्य रोग की तरह किसी भी दिन सदर अस्पताल में दिखाकर दवा लिया जा सकता है। सर्वजन दवा सेवन अभियान एक विशेष अभियान होता है जो साल में एक बार चलाया जाता है। परंतु इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति किसी भी दिन सदर अस्पताल को ओपीडी में जाकर डॉक्टर को दिखा सकते हैं और उचित परामर्श भी ले सकते हैं। डॉ अशोक कुमार ने बताया कि ठंड के दिनों में फाइलेरिया में पैर का सृजन ज्यादा दिखाई देता है। परंतु ऐसे में कुछ लोग ठंड की वजह से पैर सूजने की बीमारी समझ कर नजर अंदाज कर देते हैं परंतु यह फाइलेरिया के लक्षण भी हो सकते हैं। ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि बार-बार पैर सुजाने की समस्या होने पर तत्काल फाइलेरिया की जांच कराते हुए सदर अस्पताल के डॉक्टर से उचित सलाह ले।