पटना : बीपीएससी द्वारा शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद से ही बिहार की सियासत गरमाई हुई है। रिजल्ट जारी होने के बाद सैकड़ों अभ्यर्थियों ने अपनी शिकायतें दर्ज करायी हैं और बिहार लोक सेवा आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन भी किया है। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का साथ मिला है और उन्होंने गुरुवार को अपने आवास पर अदालत लगाकर इन अभ्यर्थियों की शिकायतों को सुना है। इस दौरान उन्होंने नीतीश सरकार पर बरसते हुए गांधी मैदान में शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण को सरकारी इवेंट बताया।
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने अपने सरकारी आवास पर शिक्षक अभ्यर्थी अदालत लगाने के बाद उन्होंने बड़ा आरोप लगाया और कहा कि 10 हजार लोगों को बैकडोर से पैसे लेकर नौकरी दी गई। 48 हजार पहले से नियोजित शिक्षक हैं, उन्हें दुबारा नियुक्ति-पत्र दिया जा रहा। 72 हजार बहाली में 50 फीसदी दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी हैं। सिर्फ 30 हजार बिहार के अभ्यर्थियों को नौकरी दी गई है। साथ ही पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि साल 2014 में डोमिसाइल की घोषणा की गई थी लेकिन नीतीश कुमार ने उसे रद्दी की टोकरी में डाल दिया। हम संरक्षक जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार से बड़ी मांग की और कहा कि बिहार के बच्चों को नौकरी मिले। साथ ही रिजल्ट सुधार कर नई सूची जारी की जाए।