समय से भोजन और उचित आहार से खून की कमी व एनीमिया से मिलेगी मुक्ति
सासाराम। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं में खून की कमी एनीमिया को बढ़ावा तो देता ही है साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव के दौरान यह घातक भी साबित होता है। इसके अलावा उनके द्वारा जन्मे बच्चे भी एनीमिया के शिकार हो जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि एनीमिया से बचाव के लिए गर्भावस्था से पहले या गर्भावस्था के दौरान शरीर में मौजूद हीमोग्लोबिन को बनाए रखने के लिए उचित सलाह और उचित आहार लेना अति आवश्यक है। बदलते परिवेश में महिलाएं अपने रहन सहन तथा खान-पान को लेकर लापरवाह दिखाएं देती है जो एनीमिया का एक मुख्य कारण भी माना जाता है। साथ ही पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण समय से खानपान और उचित आहार न लेने की वजह से महिलाओं में अक्सर खून की कमी देखी जाती है। वही गर्भावस्था के दौरान यही लापरवाही एनीमिया को जन्म देती है और जो घातक भी साबित होती है। ऐसे में जरूरी है कि एनीमिया से बचने के लिए महिलाओं को समय से भोजन के साथ-साथ उचित आहार लेना चाहिए। खासकर गर्भावस्था के दौरान इन बातों का तो गर्भवती महिलाओं को ध्यान रखना ही चाहिए उनके अलावा घर के लोगों को भी एनीमिया को लेकर जागरूक होने की जरूरत है। यदि समय रहते शरीर में खून की कमी पर ध्यान नहीं दिया गया तो एनीमिया बीमारी बन गर्भवती महिलाओं के साथ साथ उनके द्वारा जन्मे बच्चों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
एनीमिया के लक्षण
महिलाओं में खून की कमी होने के कारण चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है, साथ ही साथ आंखों के आगे अंधेरा छाना, थकान, कमजोरी महसूस होना, आंखों के भीतरी हिस्सा अधिक सफेद हो जाना, हाथ की हथेली और पैर के तलवा सफेद दिखना, हाथ और पैर के नाखून सफेद दिखाई देना मुख्यत: एनीमिया के लक्षण है।
एनीमिया से कैसे करे बचाव
एनीमिया से बचाव के लिए जरूरी है कि समय पर भोजन करें और भोजन में पौष्टिक आहार के साथ-साथ पोषक तत्वों का भी भरपूर इस्तेमाल करें| इसके लिए केला, अनार, खजूर, गुड़, मूंगफली, चना, गाजर, बादाम, चुकंदर के अलावा हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने खाने में प्राथमिकता दें। शरीर में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों के लिए संतरा, नींबू जैसे खट्टे फलों का सेवन अवश्य करना चाहिए।
एनीमिया मुक्त जिला बनाने के लिए अधिकारियों को किया गया है प्रशिक्षित
गर्भवती महिलाओं के साथ युवतियों को एनीमिया से बचाने के लिए सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है ताकि जिला स्तर से शुरुआत कर देश को एनीमिया मुक्त बनाया जाए। इसके लिए जिला स्तर पर भी विभिन्न विभागों के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसकी जानकारी देते हुए बीसीएम चंदा कुमारी ने बताया की जिले को एनीमिया मुक्त करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिले के कई विभागों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। जिसमे बताया गया कि एनीमिया क्या है, इसके लक्षण, दुष्प्रभाव और इससे बचाव के क्या उपाय हैं। बीसीएम ने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के एमओआईसी, बीएचएम, सभी प्रखंड के सीडीपीओ, एलएस, शिक्षा विभाग के बीईओ और बीआरपी को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है जो एनीमिया मुक्त जिला बनाने में अहम भूमिका निभायेंगे।