सारण: जमीन संबंधी समस्या और विवाद को निपटाए जाने के लिए राज्य सरकार हर संभव तकनीकी खामियों को दूर करने में लगी हुई है। इसके लिए खतियान, खेसरा, खाता तथा जमाबंदी सहित भूमि संबंधित कागजातों को स्कैन कर अपलोड किया जा रहा है। दस करोड़ कागजात स्कैन करने का लक्ष्य रखा गया था, जिनमें से तीन करोड़ भूमि संबंधित कागजात का स्कैन किया जा चुका है। इसी बीच लगभग 25 करोड़ कागजात सामने आए है, इनका भी धीरे-धीरे स्कैन कर लिया जाएगा। अब कोई भी, कहीं से भूमि की स्थिति को जान सकता है।
यह बातें बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने कहीं। वह रविवार की संध्या मेला क्षेत्र में लगी विभागीय प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा अवलोकन करने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेला आने वाले लोगों को इस प्रदर्शनी में डेढ़ सौ रुपये प्रति नक्शा की दर से भुगतान करने पर नक्शा प्राप्त हो जाएगा। मंत्री ने टोपो लैंड के संदर्भ में कहा कि इस दिशा में भी काम हो रहा है। नगर पालिका क्षेत्र में भूमि की जमाबंदी होल्डिंग नंबर के आधार पर की जाएगी।
इस अवसर पर सचिव राजस्व भूमि सुधार जय सिंह, अपर मुख्य सचिव बृजेश मल्होत्रा, उपनिदेशक शाहिदा खातून, सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, सारण डीएम अमन समीर, सोनपुर और दिघवारा के सीओ आदि उपस्थित थे। इस दौरान विधायक डा रामानुज प्रसाद ने भूमि से संबंधित क्षेत्र की अनेक समस्याओं से मंत्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सोनपुर में भू-माफिया गलत कागजात बनाकर कमजोर लोगों की भूमि पर कब्जा कर रहे हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह सोनपुर के स्माइल चक में भूमि विवाद के दौरान युवक की हत्या का जिक्र करते हुए अनुरोध किया की भू-माफियाओं से कमजोरों लोगों की रक्षा की जाए।