ठंड में सूजन और दर्द से निजात पाने के लिए अपनाएं यह तरीका
सासाराम। बढ़ती ठंड में जहां कई बीमारियां उत्पन्न होने लगती तो वहीं पुराने रोग भी बढ़ने लगते और परेशानियां देने लगते हैं। उन्हीं रोगों में से एक है फाइलेरिया यानी हाथीपांव। ठंड के दिनों में इस बीमारी से पीड़ित लोगों की परेशानियां ज्यादा बढ़ जाती हैं। बढ़ती ठंड की वजह से पैरों में सूजन होने लगती और उससे पैरों में असहनीय दर्द होना शुरू हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि हाथीपांव से पीड़ित मरीजों को ऐसे मौसम में सावधानियां बरतनी चाहिए। क्योंकि हाथीपांव का कोई इलाज और दवा नहीं है। बेहतर देखभाल के माध्यम से ही सूजन और दर्द को कंट्रोल किया जा सकता है। बताते चलें कि रोहतास जिले में फाइलेरिया विभाग और सहयोगी संस्थाओं द्वारा लगातार फाइलेरिया से पीड़ित मरीजों का पता लगाया जा रहा है। जिले में अब तक 1600 से अधिक हाथीपांव के मरीज पाए गए हैं। ऐसे मरीजों से संपर्क कर उन्हे बेहतर परामर्श देने का प्रयास किया जा रहा है।
फाइलेरिया पीड़ित होने से कैसे करें बचाव
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी जयप्रकाश गौतम ने बताया कि फाइलेरिया एक अति गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में व्यक्ति का पांव हाथी के पांव के समान हो जाता और अभी तक इसकी भी सर्जरी नहीं है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस बीमारी का लक्षण 10 से 12 साल बाद नजर आता है। जेपी गौतम ने बताया कि यदि पांव में बार बार सूजन हो रहा हो तो उसे नजरअंदाज न करें यह फाइलेरिया के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि ठंड के दिनों में सूजन होने पर तत्काल सरकारी अस्पतालों में फाइलेरिया की जांच कराएं। इसके अलावा सरकार द्वारा आयोजित सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत साल में एक बार दवा जरूर खाएं। इससे फाइलेरिया के लक्षण होने पर भी उसका विस्तार वहीं तक रुक जाता है।
एमएमडीपी किट का उपयोग
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी जयप्रकाश गौतम ने बताया कि फाइलेरिया मरीजों की देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर फाइलेरिया पीड़ित लोगों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया जाता है। जिसमे छोटा टब, मग, साबुन, तौलिया, पट्टी, एंटी सेप्टिक क्रीम आदि शामिल होता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया पीड़ित लोगों को इसके इस्तेमाल के तरीके भी बताते जाते हैं। बताया कि एमएमडीपी किट के प्रयोग से फाइलेरिया पीड़ित मरीज को सूजन और पीड़ा कम करने में मदद मिलती है।
कैसे करें सूजन कम
फाइलेरिया पीड़ित मरीजों के लिए ठंड का मौसम काफी कष्टदायक होता है। ठंड के दिनों में सूजन बढ़ने लगती और दर्द होने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि ठंड के दिनों में इसका बेहतर देखभाल करें। ऐसे मौसम में फाइलेरिया पीड़ित मरीज पांव को सुखा रखें। जितना हो सके अपने पैरों को आरामदायक स्थिति में उठाए रखें। सूजन कम करने के लिए अधिक से अधिक व्यायाम करें। पैरों को धोकर हल्के कपड़े से धीरे धीरे साफ करें। नियमित देखभाल से सूजन को कम किया जा सकता व इससे होने वाली पीड़ा से भी छुटकारा पाया जा सकता है।