पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए 4 प्रखंडों के मुखिया को प्रदान किया गया प्रशिक्षण
सासाराम। पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है और इसके लिए विभिन्न माध्यमों के तहत पुरुषों में नसबंदी को लेकर फैली गलत धारणा को लगातार तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसी प्रयास के तहत सासाराम में जिले के सभी पंचायत के मुखिया को उन्मुखीकरण करके पुरुष संबंधी से जुड़े मिथक को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा आयोजित आयोजित इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में सोमवार को बिक्रमगंज नौहट्टा नासरीगंज और नोखा प्रखंड के सभी पंचायत के मुखिया का उन्मुखीकरण किया गया। उन्मुखीकरण कार्यशाला में मुखिया द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने पंचायत में किए गए कार्यों की जानकारी ली गई। हालांकि जब पुरुष नसबंदी की बात की गई तो कार्यशाला में कुछ पुरुष इसपर कतराते दिखे। हालांकि जब इसके फायदे को लेकर जानकारी दी गई तो पुरुष नसबंदी पर खुल कर बात करते दिखाई दिए। सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज के तरफ से आए ट्रेनर मृत्युंजय कुमार और बबिता कुमारी ने महिला बंध्याकरण की बजाय पुरुष नसबंदी पर सरकार को फोकस के कारणों को बताया। बबिता कुमारी ने बताया कि महिला बंध्याकरण में महिलाओं का बड़ा चीरा लगाना पड़ता है और इस वजह से महिला को पूरी तरह से स्वस्थ होने में 4- 6 महीने लग जाते हैं। प्रसव के दौरान भी अधिकांश महिलाओं का ऑपरेशन किया जाता है। उसके बाद बंध्याकरण के लिए पुनः ऑपरेशन महिलाओं के शरीर को और कमजोर कर देता है जो उनके स्वास्थ्य के लिए भी सही नहीं है।
पुरुष नसबंदी आसान
ट्रेनर मृत्युंजय कुमार ने वहां मौजूद मुखियाजनों को जानकारी दी कि पहले के लोगों में धारणा थी की पुरुष नसबंदी करने से शारीरिक कमजोरी आती है जो की एक गलत धारणा है। वही सेंटर फॉर कैटलाइजिंग चेंज के रोहतास जिला समन्वयक ने बताया की उन्होंने स्वयं परिवार नियोजन के संसाधनों में स्थाई संसाधन पुरुष नसबंदी को अपनाया है और वो आज तक वो पूरी तरह स्वस्थ है और पहले जैसा सामान्य जिंदगी जी रहे है। उन्होंने वहां मौजूद मुखिया को बताया की जिले में सैकड़ों लोग है जिन्होंने पुरुष नसबंदी को अपनाया और पूरी तरह से स्वस्थ्य है।
पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने में करे सहयोग
प्रशिक्षण कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने वहां मौजूद मुखिया गण से पुरुष संबंधी पर खुलकर बातें की और इसे अधिक से अधिक बढ़ावा देने में सहयोग करने के लिए अपील किया। उन्होंने बताया कि 27 नवंबर से पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जा रहा है जिसमें 27 से 3 दिसंबर तक दंपति संपर्क सप्ताह मनाया गया और 4 दिसंबर से लेकर 16 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने मुखियागण से अपील किया की पुरुष नसबंदी को लेकर लोगों के मन में बैठे भ्रम को तोड़ने का प्रयास करें। साथ ही समाज में फैले भ्रम को खत्म करवाने में भी मुखियागण सहयोग करें। मौके पर मौजूद डीपीसी संजीव मधुकर ने भी सभी मुखियागण से सहयोग करने के लिए अपील किया।