2013 से लेकर अब तक 14 हजार से अधिक टीबी से पीड़ित मरीज हो चुके हैं ठीक
सभी प्रखंड के एमओआईसी को टीबी पीड़ित मरीजों की पहचान कर रिपोर्ट भेजने का दिया गया निर्देश
सासाराम। देश को टीबी मुक्त बनाने की मुहिम के साथ-साथ रोहतास को टीबी मुक्त जिला बनाने के अभियान में जिला यक्ष्मा विभाग लगातार प्रयासरत है। इसके तहत अधिक से अधिक टीबी से पीड़ित मरीजों का पता लगाकर उनका इलाज किया जा रहा है। इसमें जिला यक्ष्मा केन्द्र को सफलता भी मिल रही है। अभियान में आई तेजी का परिणाम यह हुआ है कि टीबी पॉजिटिव मरीज फाइंडिंग नोटिफिकेशन में रोहतास जिला सूबे में अव्वल रहा। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा सरकारी अस्पतालों में टीबी फाइंडिंग मरीज के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें प्रतिमाह 208 टीबी संक्रमित मरीज के नोटिफिकेशन राज्य स्वास्थ्य समिति को भेजने हैं। नवंबर महीने में रोहतास जिले में 211 नोटिफिकेशन भेजे गए हैं। हालांकि प्राइवेट क्लीनिक के लक्ष्य नोटिफिकेशन में जिला पिछड़ता दिखाई दे रहा है। निजी क्लीनिकों के लिए निर्धारित 275 लक्ष्य के विरुद्ध में 25 नोटिफिकेशन भेजे गए हैं। हालांकि निजी क्लीनिक से नोटिफिकेशन प्राप्ति के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र लगातार सासाराम और डेहरी स्थित सभी निजी क्लीनिक से संपर्क कर टीबी पीड़ित मरीजों की सूची एकत्रित करने में लगा हुआ है।
14 हजार से अधिक मरीज को मिल चुकी है नई जिंदगी
टीबी एक जानलेवा बीमारी है परंतु सही समय पर इसकी पहचान हो जाए और इसका इलाज शुरू हो जाए तो 6 से 9 महीना में टीबी से पीड़ित मरीज ठीक हो सकते हैं। रोहतास जिला यक्ष्मा केंद्र से मिली जानकारी ने अनुसार 2013 से लेकर अब तक जिले में बेहतर इलाज और लगातार फॉलोअप से 14,394 टीबी पीड़ित मरीजों को ठीक किया जा चुका है। वहीं वर्तमान में जिले में 1623 टीबी पीड़ित मरीज इलाजरत हैं। सीडीओ सह जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध दवा काफी बेहतर है। यहां की दवाओं पर पूर्ण विश्वास किया जा सकता है। डॉ राकेश कुमार ने बताया कि सरकारी अस्पतालों के टीबी से संबंधित सभी जांच मौजूद हैं। यह पूरी तरह से निःशुल्क है।
टीबी पीड़ित मरीज खोज अभियान पर दिया जा रहा है बल
जिला स्वास्थ्य समिति की शुक्रवार को हुई मासिक बैठक के दौरान जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार ने सभी प्रखंड के एमओआईसी , बीसीए, बीएचएम सहित यक्ष्मा केन्द्र से जुड़े अधिकारियों को जिले से टीबी को जड़ से मिटाने के लिए सहयोग करने का भी आह्वान किया। साथ ही साथ सभी प्रखंड के एमओआईसी को दिशा- निर्देश दिए गए कि अपने प्रखंड से अधिक से अधिक टीबी के मरीज की पहचान करने में जिला यक्ष्मा केंद्र की मदद करें। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार ने उक्त समीक्षा बैठक में सभी प्रखंडों से आए स्वास्थ्य अधिकारियों को टीबी पॉजिटिव मरीजों के नोटिफिकेशन के बारे में बताया। साथ ही साथ नोटिफिकेशन में पिछड़ रहे प्रखंडों में तेजी लाने के निर्देश दिए । बैठक में मौजूद सिविल सर्जन से भी सभी स्वास्थ्य केंद्रों के एमओआईसी को टीबी पीड़ित मरीज की पहचान कर जिला यक्ष्मा केन्द्र को सूचित करने के लिए निर्देश दिया।