मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में नौकरी के नाम ठगी का अनोखा मामला उजागर हुआ है। फर्जीवाड़े के एक कांड की छानबीन में यह मामला उजागर हुआ है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के फर्जी लेटर हेड पर नौकरी का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर बनाकर सरैया के शिक्षक देवनाथ साह से 14.10 लाख की ठगी कर ली गयी। कांड के आरोपित अर्जुन कुमार की जमानत अर्जी एडीजे 11 ने खारिज कर दी है। आरोपी अभी जेल में बंद है।
मुजफ्फरपुर की सरैया थाने की पुलिस ने कोर्ट में चीफ जस्टिस के फर्जी लेटरहेड पर बनाए गए फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, फर्जी आई कार्ड आदि साक्ष्य के तौर पर केस डायरी के साथ पेश किया। पर्याप्त साक्ष्य पाते हुए एडीजे 11 की आदालत ने ने अर्जुन की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। साथ ही बताया है कि नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़े का यह काफी गंभीर मामला है।
सरैया थाने में बीते 20 अक्टूबर को शिक्षक देवनाथ साह की पत्नी बिंदू देवी ने अर्जुन के खिलाफ नौकरी के नाम पर ठगी की एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोपित अर्जुन ने देवनाथ के पुत्र को पटना के बांकीपुर कोर्ट में चतुर्थ वर्गीय लिपिक के रूप में नौकरी दिलवाने का भरोसा दिया था। आरोपी ने 14.10 लाख रुपये वसूलने के बाद अर्जुन ने अजय के नौकरी के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किया। उसने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के फर्जी लेटर हेड व हस्ताक्षर से अजय को नौकरी के लिए फर्जी ज्वाइनिंग लेटर तैयार किया। फर्जी आईकार्ड भी बनाया। अजय जब बांकीपुर कोर्ट में नौकरी ज्वाइन करने पहुंचा तो उसके ज्वाइनिंग लेटर आदि को फर्जी बताया गया।
इसके बाद दो साल तक आरोपित अर्जुन उसे रुपये लौटाने का भरोसा देता रहा। अंतत अर्जुन के खिलाफ सरैया थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस ने 22 अक्टूबर को आरोपित अर्जुन को गिरफ्तार किया। मैजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आरोपित ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की। जिस पर एडीजे 11 ने सुनवाई की गई। पुलिस द्वारा दिए गये सबूतों को देखते हुए कोर्ट ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दिया।