पटना। राजधानी पटना के गर्दनीबाग मोहल्ला निवासी व्यक्ति की रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव आई है। वह केरल से आया था और उसकी सीटी वैल्यू भी 25 से कम यानी 24 है। यह 1.2 गुना अधिक तेजी से फैलने वाला कोरोना का जेएन-1 वैरियंट है या नहीं, इसका पता तो जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद चलेगा। इसके विपरीत स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार अभी अस्पतालों की ओपीडी में सर्दी-खांसी, जुकाम, बुखार, गले में खराश लेकर पहुंचने वाले मरीजों की कोरोना जांच नहीं कराई जा रही है। वहीं, अपनों को संक्रमण से बचाने के लिए इस तरह के लक्षण वाले कई लोग आरटीपीसीआर जांच कराने के लिए गुरुवार को पीएमसीएच-न्यू गार्डिनर व अन्य अस्पतालों में भटकते दिखे।
आरएमआरआइ के निदेशक डा. कृष्णा पांडेय ने बताया कि अभी सर्दी-खांसी, जुकाम, बुखार व निमोनिया का समय चल रहा है। ऐसे में जब डाक्टर को आशंका होगी तभी ओपीडी मरीजों की कोरोना जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से जो निर्देश मिला है, उसमें कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती जिन रोगियों में सर्दी खांसी, बुखार यानी एनफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आइएलआइ) या सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआरआइ) के लक्षण हों, उनकी कोरोना जांच करानी है।
डा. कृष्णा पांडेय ने बताया कि यह संक्रमण तेजी से फैलता है पर इसके ज्यादा गंभीर लक्षण अब तक सामने नहीं आए हैं। हालांकि, मधुमेह, हाइपरटेंशन व कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले रोगियों में यह घातक हो सकता है। विभागाध्यक्षों को जांच लिखने का दिया निर्देश पीएमसीएच के प्राचार्य डा. विद्यापति चौधरी ने कहा कि ओपीडी रोगियों में उन्हीं लोगों की कोरोना जांच की जाएगी, जो सामान्य मौसमी फ्लू से अलग प्रतीत होंगे। वहीं, माइक्रोबायोलाजी लैब में गुरुवार को कोरोना जांच नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां पीएमसीएच, आइजीआइसी और अन्य जिलों से आने वाले नमूनों की जांच की जानी है।
अभी तक पर्याप्त संख्या में नमूने नहीं आए हैं। शुक्रवार से आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके लिए विभागाध्यक्षों को पत्र लिखा गया है कि वे कोरोना के आशंकित लक्षण वालों को जांच लिखें। स्वास्थ्य विभाग ने आरटीपीसीआर जांच बढ़ाने का दिया आदेश प्रदेश में कोरोना के दो नए केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। विभाग ने गुरुवार को जिलों को निर्देश दिए कि कोरोना की रोकथाम के लिए नियमित आरटीपीसीआर टेस्ट करें।
सभी अस्पताल आवश्यक दवा, उपकरण, ऑक्सीजन सिलेंडर निबोलाइजर की उपलब्धता बनाए। जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अलर्ट रहें। हालांकि अस्पतालों से कहा गया है अभी घबराने जैसी बात नहीं, परंतु एहतियात आवश्यक है। वहीं, सिविल सर्जन डा. श्रवण कुमार ने सदर अस्पताल के अधीक्षक, अनुमंडलीय अस्पतालों के उपाधीक्षक व सभी चिकित्सा प्रभारियों को पत्र लिखकर कोरोना से निपटने के लिए आवश्यक दवाएं,
आक्सीजन सिलेंडर, आक्सीजन कंसेट्रेटर, नेबोलाइजर और जहां पीएसए आक्सीजन प्लांट लगा है उसकी क्रियाशीलता आदि की जांच करने का निर्देश दिया है। सिविल सर्जन ने बताया कि जो भी आशंकित मरीज होंगे, उनकी कोरोना जांच की जानी है। ऐसे में जिन अस्पतालों में कोरोना जांच किट नहीं है, उन्हें जिला भंडार गृह से मांग करने को कहा गया है। कोरोना की वैक्सीन या इसके बूस्टर डोज की अभी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना जरूरी है, खासकर बुजुर्ग व कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए। इसके अलावा शारीरिक दूरी और हाथों को साबुन से धोए बिना उनसे नाक, मुंह व आंख नहीं छूने के नियम का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।