पटना। बिहार में जारी राजनीतिक बयानबाजी, कयासबाजी के बीच राजद लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गया है। पार्टी ने करीब-करीब अपना चुनावी एजेंडा तय कर लिया है। अब उसे जमीन पर उतारने की कवायद भी शुरू कर दी है। मकर संक्रांति के पहले पार्टी के नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक यह पाठ पढ़ाया जाएगा कि लोकसभा चुनाव में जनता के बीच किन मुद्दों को लेकर जाना है।
राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने बताया कि लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के स्तर पर बनी सहमति के बाद पार्टी ने 10 जनवरी से जिला स्तर पर कार्यकर्ता संवाद सम्मेलन का निर्णय लिया है। कार्यकर्ता संवाद सम्मेलन 10 से प्रारंभ होकर 13 जनवरी तक चलेगा। अपने इस अभियान की सफलता के लिए पार्टी ने नीतीश सरकार में शामिल राजद कोटे के मंत्रियों, विधायक को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। सम्मेलन में मंत्री जहां मुख्य अतिथि की भूमिका में होंगे वहीं विधायक, विधान पार्षद व अन्य वरिष्ठ नेताओं मुख्य वक्ता होंगे।
संवाद में कार्यकर्ताओं को बताया जाएगा कि उन्हें चुनाव मैदान में मतदाताओं तक क्या और कैसे संदेश पहुंचाने हैं। उन्हें जाति आधारित गणना, आरक्षण का दायरा 75 प्रतिशत तक करने, दो लाख से अधिक नौकरी देने, गरीबों को रोजगार में आर्थिक मदद, आवास निर्माण के लिए सरकारी सहायता जैसे सरकार के काम को ज्यादा से ज्यादा प्रचारित करना है।
शक्ति यादव ने बताया कि पहले दिन पश्चिम व पूर्वी चंपारण, बक्सर, सारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर, गया और भागलपुर में कार्यकर्ता संवाद सम्मेलन होंगे। मंत्री आलोक मेहता, जीतेंद्र राय, सुरेंद्र राम, डा. अनवर आलम, रामानंद यादव, कुमार सर्वजीत, प्रो. चंद्रशेखर, मो. इसराइल मंसूरी, ललित कुमार यादव, समीर कुमार महासेठ, सुरेंद्र प्रसाद यादव, मो. शमीम, अनीता देवी और मो. शाहनवाज जैसे मंत्री मुख्य अतिथि के रूप में शामिल रहेंगे।