गया: 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले भगवान श्री राम के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तरह-तरह के राम भक्त देखने को मिल रहे हैं. ऐसा ही एक राम भक्त रोबिन कुमार हैं जो 5 जनवरी को गया जिला के वजीरगंज से माउंटेन मैन दशरथ मांझी के संघर्ष के संदेश को लेकर निकले हैं और 22 जनवरी से पहले वह पैदल ही अयोध्या पहुंचेगे. सोमवार को रविंद्र कुमार गया जिला के वजीरगंज थाना के कोल्हान गांव से निकालकर लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर से अधिक का यात्रा तय कर जब सासाराम पहुंचा तो स्थानीय लोगों ने उसका स्वागत किया.
रॉबिन बताता है कि उनके इलाके के दशरथ मांझी के संघर्ष को पूरे दुनिया याद करती है. ऐसे में दशरथ मांझी के इलाके से भगवान श्री राम के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में भी भागीदारी होनी चाहिए. इसी को लेकर वह वजीरगंज से दशरथ मांझी के संघर्ष के संदेश को लेकर पैदल अयोध्या जा रहे हैं और जिस तरह से दशरथ मांझी ने कई सालों के संघर्ष के बाद पत्थरों के पहाड़ को काटकर सड़क बना दी थी. उन्हीं से प्रेरणा लेकर वह वजीरगंज से अयोध्या की पैदल यात्रा पर निकले हैं. 21 वर्षीय रविंद्र अपने कंधे पर तिरंगा झंडा भी लिए हुए है.
दशरथ मांझी के इलाके वजीरगंज से अयोध्या की दूरी लगभग 500 किलोमीटर है. रॉबिन कुमार इस पूरी यात्रा अकेले तथा पैदल कर रहे हैं. रास्ते में लोग इनका स्वागत भी कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि उनके उत्साह को देखकर काफी अच्छा लग रहा है. देश में अलग-अलग तरीके के राम भक्त हैं, जो अपने-अपने तरीके से अपनी श्रद्धा दिखा रहे हैं. ऐसे में रॉबिन कुमार का यह प्रयास भी बेहतर है. यह कहीं ना कहीं रॉबिन कुमार के उल्लास को दर्शाता है. लगभग 150 किलोमीटर से अधिक की यात्रा कर जब वह सासाराम पहुंचे तो सासाराम के लोगों ने उसका स्वागत किया. उनका मुंह मीठा कराया तथा आगे की यात्रा पर रॉबिन निकल पड़ा.