बढ़ते ठंड में बच्चो को कोल्ड डायरिया से बचाव को लेकर दिया जा रहा सलाह
सासाराम: 18 जनवरी। गिरते तापमान की वजह से बढ़ती ठंड में सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है। कड़कड़ाती ठंड में स्वास्थ्य को जरा सा नजरअंदाज करना लोगों के लिए भारी पड़ सकता है। खासकर वैसे लोग जो पहले से ही किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त हैं। खासकर दिल की बीमारी से लेकर सांस के मरीजों के लिए इतनी ठंड काफी खतरनाक साबित होती है। हालांकि कड़कड़ाती ठंड में सामान्य लोगों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे मौसम में उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) दिल का दौरा (हार्ट अटैक) और पैरालाइसिस (लकवा) का भी खतरा तो बढ़ता ही है साथ ही साथ बच्चों से लेकर बड़ों तक में कोल्ड डायरिया (दस्त) का भी खतरा काफी देखा जाता है। कोल्ड दस्त से बचाव न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसलिए जरूरी है इन दिनों कोल्ड दस्त से बच्चो एवं बड़ो को बचाव की जाये। वही पिछले दो हप्तो से जिले में बढ़ी ठंढ की वजह से कोल्ड डायरिया के मरीज़ो में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसमें ज्यादातर संख्या बच्चों की देखी जा रही है। जिला सदर अस्पताल से लेकर प्रखण्ड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के ओपीडी में बढ़ती ठंढ़ की वजह से सर्दी खांसी बुखार के साथ साथ बच्चो में कोल्ड डायरिया के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसमें पांच साल से कम उम्र के बच्चे ज्यादा शामिल है। वही चिकित्सकों द्वारा सावधानी बरतने की सलाह भी दी जा रही है।
वाइरल डायरिया है खतरनाक
एसीएमओ सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक कुमार ने बताया कि कोल्ड डायरिया मुख्यतः वायरल अटैक से होता है। इसके अलावा ठंढ में जोयारोट्रो वायरस, इंट्रोवायरस से ज्यादा होता है। इस वायरस से बच्चो में पेचिस की शिकायत होती है। उन्होंने बताया कि एक दिन में दो या दो से अधिक बार पानी जैसा दस्त हो तो यह रोट्रो एवं नोरो वायरस का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा ठंढ के दिनों में पानी कम पीने से शरीर मे पानी की कमी हो जाती है और बच्चें कोल्ड डायरिया की चपेट में आ जाते हैं। एसीएमओ ने बताया कि गर्मी के दिनों में होने वाले डायरिया बैक्टेरिया से होता है और ठंडे के दिनों में होने वाला डायरिया वायरस से होता है जो वैक्टीरियल डायरिया से खतरनाक होता है। शुरुआती लक्षण दिखने पर ओआरएस का घोल और जिंक देते रहें ताकि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बरकरार रहे। उन्होंने कहा कि बच्चो को अधिक से अधिक ठंढ से बचा कर रखें।
कोल्ड डायरिया के लक्षण दिखने पर बरते सावधनी
डॉ अशोक कुमार ने बताया कि गर्मी के साथ साथ ठंढ में भी बच्चो में डायरिया होता है जिसे कोल्ड डायरिया कहते हैं। यह अधिकांशत: पांच साल साल से कम उम्र के बच्चो में होता है। इसलिए ठंढ के दिनों में बच्चो को बचा कर रखें। एसीएमओ ने कहा कि कोल्ड डायरिया होने पर सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बच्चो में कोल्ड डायरिया का लक्षण दिखने पर तुरंत अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क कर के उचित सलाह लें। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी लापरवाही बच्चो के किये घातक साबित हो सकता है।