विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से एमडीए अभियान को लेकर लोगों को किया जा रहा जागरूक
भभुआ। हाथीपांव को खत्म करने को लेकर आगामी 10 फरवरी से शुरू हो रहे एमडीए अभियान को लेकर जिले में तैयारियां जोरों पर है। जिला स्वास्थ्य समिति से लेकर सहयोगी संस्थाओं द्वारा लगातार जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। मंगलवार को भभुआ के विभिन्न स्कूलों में जन जागरूकता अभियान चलाया गया। साथ ही विभिन्न स्कूलों के छात्र छात्राओं द्वारा जागरूकता रैली निकाली गई। रैली के माध्यम से लोगों को दवा खाने के लिए जागरूक किया गया। एमडीए अभियान में सहयोगी संस्था पीसीआई इंडिया के नेतृत्व में कैमूर जिले के भभुआ प्रखंड स्थित प्राइमरी स्कूल भभुआ, न्यू प्राइमरी स्कूल, सिमरिया नगरपालिका मिडिल स्कूल, उर्दू प्राइमरी स्कूल भभुआ, उत्क्रमित मिडिल स्कूल बारे, संस्कृत मिडिल स्कूल मोहनिया, दुर्गावती कन्या उच्च विद्यालय, डेरवा, 10 + 2 हाई स्कूल सहित कई अन्य स्कूलों के द्वारा जागरूकता रैली निकाली गई साथ ही साथ छात्र-छात्राओं के बीच रंगोली प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। विद्यालयों में रंगोली प्रतियोगिता के माध्यम से एमडी अभियान की जानकारी दी गई।
जीविका दीदियों ने निकाली रैली
एमडीए अभियान को सफल बनाने के लिए जीविका दीदियों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। एमडीए अभियान से जुड़ी जीविका दीदियों ने भी जागरूकता रैली के माध्यम से लोगों को अभियान के दौरान दवा खाने के लिए प्रेरित किया। इसकी जानकारी देते हुए पीसीआई के जिला समन्वयक मोहम्मद शादाब आलम ने बताया कि आगामी 10 फरवरी से एमडीए अभियान की शुरुआत हो रही है। अभियान के पूर्व दवा को लेकर लोगों के मन में बैठे भ्रम को भी दूर किया जा रहा है। साथ ही विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों को अभियान की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि भभुआ जिले के सभी प्रखंड में विभिन्न संगठनों, धार्मिक गुरुओं के अलावा विद्यालय एवं समूह से जुड़े लोगों के बीच संपर्क करके अभियान के बारे में जानकारी दी जा रही है और अभियान के दौरान दवा के महत्व के बारे में भी जानकारी दिया जा रहा है।
फाइलेरिया से मुक्ति के लिए दवा सेवन जरूरी
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर के चौधरी ने बताया कि लोगों को फाइलेरिया से मुक्ति दिलाने के लिए प्रत्येक वर्ष एमडीए अभियान चलाया जाता है। उसने बताया कि इस वर्ष यह अभियान 10 फरवरी से शुरू हो रहा है। फाईलेरिया की रोकथाम के लिए एमडीए अभियान के दौरान एल्बेंडाजोल और डीईसी की खुराक काफी महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि लगातार 5 सालों तक साल में एक बार दवा का सेवन किया जाए तो हाथी पांव होने का खतरा लगभग ख़त्म हो जाता है। डॉक्टर चौधरी ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए जिले में लगातार जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और इसमें सहयोगी संस्थाओं का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है।