दरभंगा। डीएमसीएच (दरभंगा मेडिकल कॉलेज) इमरजेंसी का इन दिनों बुरा हाल है। संसाधनों की भीषण कमी के बीच यहां बिजली की आंख मिचौली से मरीजों की जान अक्सर खतरे में पड़ जाती है। सोमवार की शाम अचानक बिजली गुल हो गई। इससे करीब आधा घंटे तक अंधेरा छाया रहा। जेनरेटर की व्यवस्था उपलब्ध होने के बावजूद लाइट नहीं जली। मरीजों का इलाज मोबाइल की रोशनी में चिकित्सकों को करना पड़ा। बताया जाता है कि सोमवार की शाम बहादुरपुर थाना क्षेत्र के एकमीघाट चांडी गांव में एक महिला छत से गिरकर गंभीर जख्मी हो गई, जिसके बाद स्वजन ने जख्मी केवटी थाना क्षेत्र के चतरा निवासी जयप्रकाश यादव की पत्नी पुनिया देवी (35) को डीएमसीएच में भर्ती कराया।
इस बीच इमरजेंसी में चिकित्सक पुनिया देवी के सर में स्टिच लगा रहे थे कि अचानक बिजली गुल हो गई। पहले तो चिकित्सक कुछ देर बिजली आने का इंतजार किया। इसके बाद भी जब बिजली नहीं आई तो कर्मियों ने मोबाइल के टार्च से रोशनी दिया। इसके बाद चिकित्सक ने उसी रोशनी में इलाज किया। अंधेरे के बीच सिर में स्टिच देने से स्वजन में कुछ देर के लिए बेचैनी छा रही। हालांकि, कुछ पल के बाद सभी ने राहत की सांस ली। व्यवस्था पर एक बार फिर से लोगों ने सवाल उठाया है।
जख्मी के स्वजन रामवृक्ष यादव ने बताया कि रविवार को पुनिया देवी अपने घर से चचेरी बहन के शादी समारोह में शामिल होने चाडी गांव आई थी। छत के ऊपर शादी के लिए मरवा बना था। सोमवार को उसी जगह पर लड़की की विदाई का कार्यक्रम चल रहा था। इसी दौरान पुनिया देवी अचानक छत से नीचे गिर गई। इसमें सर फट गया। उधर, अस्पताल के उपाधीक्षक डा. हरेंद्र कुमार ने बताया कि बिजली जाने पर दो मिनट के अंदर जेनरेटर संचालक को बिजली की सप्लाई देनी है। अगर ऐसा नहीं किया गया है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।