भभुआ: जिला में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के तहत दवा का सेवन कराया जायेगा. अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा अपने सामने लोगों को दवा खिलाई जाएगी. दवा किसी भी सूरत में बांटी नहीं जाएगी. स्कूलों में मिड डे मील के बाद ही बच्चों को दवा खिलाई जाएगी. यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी को खिलाई जाएगी. दवा सेवन खली पेट में नहीं करना है. दवा सेवन के उपरांत यदि किसी भी तरह की परेशानी दिखती है तो इससे निपटने के लिए रैपिड रिस्पांस रीम का गठन किया गया है. उक्त बातें जिला सिविल सर्जन डॉ. मीना कुमारी ने सीफार के सहयोग से जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज नियंत्रण विभाग द्वारा आयोजित मीडिया कार्यशाला में कही.
फ़ाइलेरिया की दवा सेवन से कोई दुष्प्रभाव नहीं
इस मौके डॉ. चौधरी ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए अभियान चलाया जाता है. इस अभियान के दौरान फाइलेरिया संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दवा दी जाती है. जिला में चलने वाले इस अभियान में अल्बेंडाजोल एवं डीईसी दवा शामिल हैं एवं जिला के करीब 17 लाख लोगों को दवा खिलाई जाएगी. इन दवाओं की शरीर में मौजूद फाइलेरिया परजीवी को समाप्त करने में अहम भूमिका होती है. केंद्र सरकार के फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्यों को देखते हुए बिहार में एमडीए अभियान की शुरुआत की जानी है. वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका हुई तय
डॉ. चौधरी ने बताया कि जिला में 881 टीम तैयार की गयी है. इसमें दो स्वास्थकर्मी दवा सेवन कराने का काम करेंगे. इसमें 86 सुपरवाईजर इनका सहयोग करेंगे. उन्होंने बताया कि टीम की मदद से अभियान को 17 दिनों तक चलाया जायेगा. तीन दिन बूथ लगाकर तथा उसके बाद घर घर जाकर लोगों को दवा खिलाई जाएगी. उन्होंने बताया कि दवा सेवन से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है. यदि दवा सेवन के बाद सरदर्द, उल्टी और बुखार जैसी परेशानियां होती है तो यह फाइलेरिया संक्रमण का संकेत है. उन्होंने मीडियाकर्मियों को दवा के डोज के बारे में विस्तार से बताया.
फ़ाइलेरिया डालता है लोगों की कार्यक्षमता पर प्रभाव
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रोहित कुमार ने बताया कि जिले में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के लिए व्यापक तौर पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है. इसमें सहयोगी संस्थाओं का भी सहयोग मिल रहा है. सिफार द्वारा गठित पेशेंट प्लेटफार्म द्वारा जागरूकता फैलाने में मदद मिल रही है. मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने सभी मीडियाकर्मियों से निवेदन किया कि एमडीए अभियान का व्यापक पैमाने पर प्रचार प्रसार किया जाये. कार्यशल में तमाम मीडिया के सहयोगियों के अलावा सिविल सर्जन डॉ. मीना कुमारी, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सत्य स्वरुप, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. आर.के.चौधरी, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रोहित कुमार सिफार की तरफ से नवनीत सिन्हा एवं रमेश कुमार, पिरामल स्वास्थ्य से चन्दन प्रसाद, अमलेश कुमार, राकेश कुमार, पीसीआई से शादाब आलम आदि उपस्थित रहे.