पटना। राष्ट्रीय जनता दल ने आरोप लगाए हैं कि नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने में नियमावली के सहारे सरकार अपनी नाकामी छिपाने की कोशिश कर रही है। राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि नियमावली के अनुसार ही परीक्षा लेकर शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए। सक्षमता परीक्षा के नाम पर शिक्षकों को प्रताडि़त नहीं किया जाए। एजाज ने कहा कि बिहार में जबसे हमारी सरकार गई है और एनडीए की सरकार बनी है उसके बाद से ही भाजपा के दबाव में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है।
यह बात सभी को मालूम है कि भारतीय जनता पार्टी यह नहीं चाहती कि शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिले। शिक्षकों को सुशील मोदी की वो बातें याद होगी,जब उन्होंने कहा था कि भगवान भी आ जाए तब भी शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा नहीं मिल सकता है। आज उन्हीं बातों को कहीं ना कहीं लागू करने के लिए प्रयास चल रहा है।
नियोजित शिक्षकों के लिए चार चरणों में परीक्षा होगी। लगातार तीन बार सक्षमता परीक्षा में अनुपस्थित या अनुत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों की नौकरी खत्म हो सकती है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने इस संबंध में अपनी अनुशंसा राज्य सरकार को भेज दी है। राज्य के 3.50 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए चार बार सक्षमता परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति आयोजित करेगी। पहले चरण की परीक्षा 26 फरवरी को आयोजित होगी। नियोजित शिक्षकों का यह प्रथम प्रयास माना जाएगा।