डेहरी। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सिंचाई विभाग के मौसमी कर्मचारियों ने बिहार राज्य सिंचाई विभाग मौसमी कर्मचारी संघ के बैनर तले मुख्य अभियंता कार्यालय पर जमकर बवाल काटा और गेट के सामने धरना प्रदर्शन किया। कर्मियों का गुस्सा कई माह से उनके वेतन नहीं मिलना और विभिन्न 16 मांगों को लेकर थी। कर्मियों ने संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियन के अखिल भारतीय भारत बंद कार्यक्रम का भी समर्थन किया। उन्होंने मुख्य अभियंता गेट पर सभा की। जिसकी अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष मोहम्मद सत्तार अंसारी ने किया। कार्यक्रम को संघ के राजेंद्र प्रसाद, संजय कुमार, इम्तियाज़ खान, रसूल अंसारी सहित कई लोगों ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि बिहार सरकार किसान और मजदूर विरोधी रवैया अपना रही है। प्रदेश की सबसे पुरानी सोन नहर को ध्वस्त कर दिया गया है जिसके कारण शाहाबाद, मगध सहित पटना के किसान प्रभावित हुए हैं।
उनके खेतों के पटवन की समस्या खड़ी हो गई है। बताया कि यह परिवहन का भी माध्यम था लेकिन आज इस नहर प्रणाली को क्षेत्र के किसानों को पटवन के लिए भी पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है। क्षेत्र में पानी पहुंचाने वाले और अहम भूमिका निभाने वाले सिंचाई विभाग के मौसमी कर्मचारियों का मजदूरी का भुगतान खाता के माध्यम से करने की बजाय फर्जी मास्टर रोल बनाकर पैसे की लूट की जा रही है। वक्ताओं ने सिंचाई मंत्री से सोन नहर प्रणाली के द्वारा किसानों को सालों भर पटवन के लिए पानी उपलब्ध कराने, सिंचाई विभाग के कर्मचारियों को सालों भर कार्य उपलब्ध कराने और उनकी सेवा नियमित करते हुए न्यूनतम 26 हजार रुपया मजदूरी भुगतान करने की भी मांग की। कहा कि दुर्घटना होने पर कर्मियों को 4 लाख रुपए का अनुदान एवं फर्जी मास्टर रोल की जांच होनी चाहिए। इंद्रपुरी बराज में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने जलाशय के शीघ्र निर्माण की भी मांग किया। धरना प्रदर्शन के उपरांत अधिकारी को कर्मियों ने मांग पत्र भी सौंपा।